13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चूहे कर रहे सैंपलवाली मिठाई की जांच

लापरवाही. जांच सैंपल रखने को फ्रिज नहीं, चूहे व फंगल से सेफ्टी आॅफिस को खतरा प्रहलाद कुमार पटना : दीपावाली का त्योहार नजदीक है. कारोबारियों ने मिठाई के बड़े कारोबार की तैयारी कर रखी है. मिठाइयों की गुणवत्ता की जांच को लेकर फूड सेफ्टी विभाग भी अपनी सक्रियता दिखायेगा, लेकिन क्या आपको मालूम है कि […]

लापरवाही. जांच सैंपल रखने को फ्रिज नहीं, चूहे व फंगल से सेफ्टी आॅफिस को खतरा
प्रहलाद कुमार
पटना : दीपावाली का त्योहार नजदीक है. कारोबारियों ने मिठाई के बड़े कारोबार की तैयारी कर रखी है. मिठाइयों की गुणवत्ता की जांच को लेकर फूड सेफ्टी विभाग भी अपनी सक्रियता दिखायेगा, लेकिन क्या आपको मालूम है कि जिले के 56 लाख आबादी को गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी उठानेवाला खाद्य सुरक्षा विभाग का पटना कार्यालय खुद बदहाल है. यह कार्यालय गर्दनीबाग अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय परिसर स्थित एक गैराज में चल रहा है.
फूड सेफ्टी ऑफिस को खुद सेफ्टी की जरूरत : एक कमरे में चलनेवाले फूड सेफ्टी ऑफिस को खुद सेफ्टी की जरूरत है. उनको खतरा किसी इनसान से नहीं, बल्कि चूहे व फंगल से है.
विभाग की ओर से बताया जाता है कि सैंपल रखने की पूरी व्यवस्था है. लेकिन, सच्चाई बिल्कुल अलग है. फूड सेफ्टी ऑफिस में दुकानों से लिए गये सैकड़ों सैंपल पड़े रहते हैं, जिनको चूहे खा जाते हैं. बाकी में फंगल लग जाता है और बहुत तो जांच के लिए कोलकता भी नहीं जा पाता है. स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा मानक व अधिनियम 2006 के तहत फूड सेफ्टी कार्यालय खुला.
इस कार्यालय में जांच सैंपल लिया जाता है, जिसे चूहे अपना निवाला बना रहे हैं. कार्टून में पड़े सैंपल को चूहे खा रहे हैं और दो अलमारी में पड़े सैंपल सड़ गये हैं. उसे कभी खोला भी नहीं जाता. अलमारी भी नीचे से सड़ गया है, जिसमें किट व चूहे आराम से घूस जाते हैं. अगर किसी व्यक्ति ने दोबारा से अपनेसैंपल की जांच कराने की मांग कोर्ट में कर दी, तो उस अलमारी से कुछ नहीं निकलनेवाला है.
हमेशा से अधिकारी शक के घेरे में रहते हैं : आइसक्रीम, दूध, दही, पनीर, कोल्ड ड्रिंक, मिठाई सहित किसी भी तरह के पदार्थ जिसे ठंडे जगह पर रखना हो, तो उसके लिए फ्रिज अनिवार्य है. लेकिन, फूड ऑफिस में एक भी फ्रिज नहीं हैं.
ऐसे में दुकानदारों के यहां से उठाये गये सैंपल को लेकर हमेशा से अधिकारी शक के घेरे में रहते हैं. इसका यही कारण है कि वह सैंपल को सुरक्षित नहीं रख पाते हैं. फिर भी उसकी जांच रिपोर्ट आती है. लेकिन, कब, यह कहना बेहद मुश्किल है.
जांच रिपोर्ट की नहीं मिलती जानकारी
सैंपल की जांच होने के बाद जानकारी मांगने पर इसे गुप्त रखा जाता है. अधिकारियों के मुताबिक जांच रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर आती है. लेकिन जिस तरह से सैंपल उठा कर ऑफिस में रखा जाता है कहना मुश्किल होगा कि रिपोर्ट समय से आ जाता होगा. ऑफिस में बैठे अधिकारियों से रिपोर्ट संबंधी बात पूछने का प्रयास किया जाता है, तो उनका जवाब टालमटोल का होता है. इसकी जानकारी बस वहां बैठनेवालों के पास ही रहती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें