मुजफ्फरपुर: लालू के बीफ वाले बयान के बाद राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने नौ अक्तूबर को मीडिया के सामने यह बयान देकर सबको चौंका दिया था कि वेद-पुराण में लिखा है, ऋषि-मुनि भी बीफ खाते थे. इस पर एकेडमिक बहस की जरूरत है. इनके बयान के बाद विपक्षी दल घेरना शुरू कर दिया है. इसी बात को लेकर रविवार को आनन-फानन में इन्होंने प्रेस वार्ता कर फिर से अपने बयान का समर्थन किया है.
कहा है कि वेद-पुराणों में इस बात का जिक्र भी है. बताया कि ऋगवेद, याज्ञ्य बल की स्मृति, शतपथ का ब्राह्मण, मनु स्मृति, महाभारत, व्यास स्मृति, इतिहासकार डीएन झा की पुस्तक ‘बीफ इन इटिंग एनसिट पीरियड’ में गऊ मांस का हवन आदि बातें लिखी गयी है. इतना ही नहीं एक अंगरेजी अखबार का हवाला देते हुए बताया कि अखबार में भी इस बात को स्पष्ट शब्दों में प्रमाणित किया गया है. ऐसे में अगर वेदों व शास्त्रों में इस बात का जिक्र है तो इसमें कहां गलत बोल दिया. भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सिर्फ भाजपा के कट्टरपंथी लोग हैं, जो इस पर हो-हल्ला मचा रहे है. वे लोग इन सब किताबों का अध्ययन कर लें. वह नहीं जानते हैं तो ज्ञानी हो गए.
और हमने सही कह दिया तो हम दोषी हो गये. इस पर बहस नहीं करनी चाहिए. बिहार में विकास हो, बिजली, पानी रोजगार कैसे मिले इस पर बहस होनी चाहिए. इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के संरक्षक शंकराचार्य, धर्माचार्य व खासकर बीजेपी वाले पहले किताबों को देख ले, फिर बहस करें. इस पर बहस करने के लिए इतिहासकारों की जरूरत है. अगर इतिहासकार बहस करेंगे तो हमें भी कुछ ज्ञान मिलेगा.
बीजेपी धर्म के नाम पर राजनीति करके मुद्दों से भटका रही है. यही वजह है कि सरकार ने जातिगत जनगणना को प्रकाशित नहीं की. बीजेपी आरक्षण विरोधी है. इसके अलावा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया. कहा कि इन बातों से महागंठबंधन के वोटों का नुकसान नहीं होगा. जनता 16 महीनों के भीतर भाजपा की सारी असलियत जान चुकी है. कहा कि धर्म को नुकसान न पहुंचायें. गाय तो हिंदुस्तान की संस्कृति में है. लोग बिना जाने बहस कर मुद्दों को भटका रहे है.