कार्यस्थल पर विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करने के बाद भी भारतीय कर्मचारी इनका असर कंपनी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर नहीं पड़ने देते. अपने इसी रवैये के चलते उन्होंने संस्थान के प्रति पूरी निष्ठाभाव से काम करने के मामले में दुनियाभर के सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है..
भले ही भारतीय कर्मचारियों को अपने बॉस और संस्थान से कई तरह की शिकायत होती है, वे अपनी नौकरी और तनख्वाह को लेकर भी असंतुष्ट होते रहते हैं. लेकिन बात जब संस्थान के प्रति वफादारी निभाने की आती है, तो भारतीय कर्मचारी तमाम समस्याओं को पीछे रख कर अपने संस्थान के प्रति पूरी वफादारी निभाते हैं.
हाल में ‘केली ग्लोबल वर्कफोर्स इंडेक्स’ द्वारा कराये गये सर्वे ‘एंप्लॉइ इंगेजमेंट एंड रिटेंशन’ में यह बात सामने आयी है कि करीब 50 प्रतिशत भारतीय कर्मचारी पूरी तरह से अपनी कंपनी के प्रति समर्पित होकर काम करते हैं. सर्वे में यह तथ्य भी सामने आया है कि भारत में केवल 33 प्रतिशत लोग ही नौकरी बदलते हैं. भारत दुनिया के उन देशों में शुमार है, जहां पर जॉब चेंज रेट बेहद कम है. भारत के बाद नंबर आता है इंडोनेशिया का, यहां पर 43 प्रतिशत कर्मचारी कंपनी के प्रति समर्पित होकर काम करते हैं. मलेशिया में यह आंकड़ा 34 प्रतिशत है. हांगकांग में यह आंकड़ा बेहद कम है. वहां मात्र 15 प्रतिशत कर्मचारी कंपनी के प्रति पूरी निष्ठा से काम करते हैं. वहीं, थाइलैंड में 20 प्रतिशत और सिंगापुर में 22 प्रतिशत लोग ही कंपनी के प्रति समर्पित होकर काम करते हैं. सर्वे के मुताबिक एशिया पैसिफिक में पिछले 12 माह में करीब 64 प्रतिशत लोग जॉब बदलने के बाद अपनी नयी पोजिशन से खुश हैं. वहीं भारत के 75 प्रतिशत कर्मचारी जॉब बदलने के बाद अपनी नयी पोस्ट से खुश हैं.
इस सर्वे के दौरान दुनियाभर के कई कर्मचारियों से उनके फीडबैक लिये गये, जिससे यह पता चला कि करीब 52 प्रतिशत लोग अपनी नौकरी से बेहद खुश हैं. सर्वे के मुताबिक कोई भी कर्मचारी अपने लिए सही जॉब चुनने से पहले कई फैक्टर्स पर विचार करता है. दुनियाभर में करीब 54 प्रतिशत लोग जॉब चुनने से पहले उसकी लोकेशन को महत्व देते हैं. करीब 53 प्रतिशत लोग कॉरपोरेट ब्रांड और उसकी ख्याति को महत्व देते हैं.