यूरोप में एक तरफ तो मध्य पूर्व और अफ्रीका से शरणार्थियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है, तो दूसरी तरफ़ हंगरी से शरणार्थियों और पुलिसवालों के बीच झड़पों की ख़बरें भी बढ़ रही हैं.
बुधवार को हंगरी ने ग्रीस की तरफ़ से आए और ऑस्ट्रिया और जर्मनी जा रहे शरणार्थियों को राजधानी बुडापेस्ट में एक स्टेशन पर रोक दिया था.
हंगरी के इस कदम से शरणार्थियों में ग़ुस्सा बढ़ता जा रहा है. इन लोगों की पुलिस से झड़पें हो रही हैं. गुस्साए लोग नारे लगा रहे हैं कि हंगरी और राष्ट्रपति असद एक हैं.
सीरिया से आए मोहम्मद नाम के एक शरणार्थी ने कहा, ”अपने आप को हमारी जगह रख कर कल्पना कीजिए. आप मनुष्य हैं तो हम भी मनुष्य हैं. आपके बच्चे हैं हमारे भी बच्चे हैं. आप पढ़े लिखे हैं हम भी पढ़े लिखे हैं”.
हंगरी के प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ज़ोल्टान कोवास ने कहा ”इन लोगों को सड़कों पर नहीं, बल्कि इनके लिए निर्धारित शरणार्थी शिविरों में होना चाहिए. केवल ट्रेन के टिकट लेने से कोई जर्मनी या ऑस्ट्रिया नहीं जा सकता. ये जाएँ अपना रजिस्ट्रेशन कराएं और अपनी शरण की याचिका की सुनवाई का इंतज़ार करें. ”
शरणार्थी संकट
मौके पर मौजूद एक बीबीसी संवाददाता का कहना है पुलिस गलियों और शहर के अंदरूनी भागों में मौजूद इंटरनेट क़ैफ़ेज़ से शरणार्थी युवकों को पकड़ रही है.
ऐसा अंदाज़ा है कि इनमें से कई लोगों को जर्मनी या ऑस्ट्रिया नहीं, बल्कि हंगरी के पूर्व में ही मौजूद शरणार्थी शिविरों में भेज दिया जाएगा.
कई यूरोपीय देश शरणार्थी समस्या से निपटने के लिए आपात कदम उठा रहे हैं. ग्रीस शरणार्थियों के लिए और व्यवस्थाएं करने के लिए राज़ी हो गया है.
जर्मनी के आग्रह पर इटली ऑस्ट्रिया की सीमा और चेकपोस्ट लगाने के लिए मान गया है.
यूरोपीय संघ की व्यवस्था के अनुसार किसी भी शरणार्थी को यूरोप जिस देश में वो सबसे है वहीं अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा उसके बाद वो यूरोप में आगे जा सकते हैं.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)