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”अमेरिकन सोसाइटी फॉर मेटल्स” के फैलो के रूप में तीन भारतीय नामित

ह्यूस्टन : तीन भारतीयों समेत भारतीय मूल के कई लोग उन 29 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें अमेरिकन सोसाइटी फॉर मेटल्स (एएसएम) द्वारा फैलो के रूप में नामित किया गया है. इन लोगों का चयन पदार्थ विज्ञान और अभियांत्रिकी में इनके योगदान के लिए किया गया है. भारतीय फैलो के नाम हैं – प्रदीप गोयल, […]

ह्यूस्टन : तीन भारतीयों समेत भारतीय मूल के कई लोग उन 29 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें अमेरिकन सोसाइटी फॉर मेटल्स (एएसएम) द्वारा फैलो के रूप में नामित किया गया है. इन लोगों का चयन पदार्थ विज्ञान और अभियांत्रिकी में इनके योगदान के लिए किया गया है. भारतीय फैलो के नाम हैं – प्रदीप गोयल, विवेकानंद कैन और जी. मधुसूदन रेड्डी. वहीं भारतीय मूल के अन्य लोगों के नाम हैं – प्रणेश अस्वाथ, सुवीन मथाउडू, मुत्थुकुमारसामी सदयाप्पन. इस फैलोशिप की स्थापना वर्ष 1969 में की गई थी ताकि एएसएम के सदस्यों को पदार्थ विज्ञान एवं अभियांत्रिकी में उनके खास योगदान के लिए सम्मानित किया जा सके. इसका एक उद्देश्य समाज में सलाहाकार के रूप में अपनी सेवा देने वाले तकनीकी और पेशेवर नेतृत्वकर्ताओं का एक व्यापक आधार वाला मंच तैयार करना भी है.

गोयल नवी मुंबई के प्रदीप मेटल्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं. इनका चयन इनके द्वारा भारत में ‘इंडस्ट्रियल माइक्रोवेव रिसर्च सेंटर’ की स्थापना के लिए किया गया, जिसकी पहचान आज अंतरराष्ट्रीय स्तर की है. गोयल का चयन नयी तकनीकों की मदद से अयस्क एवं पेट्रोरसायन प्रोसेसिंग उद्योगों में ऊर्जा एवं पर्यावरणीय सुधार में हासिल की गयी सफलताओं के लिए और स्टील उत्पादन तकनीकों एवं सुविधाओं में उनके द्वारा किये गये काम के लिए किया गया है. अस्वाथ अर्लिंग्टन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में प्रोफेसर और सहायक डीन हैं.

संगठन की ओर से जारी बयान के अनुसार, इनका चयन ट्राइबोलॉजी (सतहों के डिजाइन, घर्षण, चिकनाई का अध्ययन करने वाली शाखा) में इनके अहम योगदान के लिए किया गया. मथाउडू यूसी रिवरसाइड में सहायक प्रोफेसर हैं और इनका चयन अमेरिकी सैन्य पदार्थों से जुडे शोध कार्यों का वैज्ञानिक समर्थन, नेतृत्व एवं प्रबंधन के लिए और विशेष तौर पर अत्याधुनिक हल्की धातुओं और नैनो आकार के पदार्थों के विकास एवं समर्थन के लिए किया गया. कैन मुंबई के भाभा परमाणु शोध केंद्र में प्रोफेसर और वैज्ञानिक हैं, जिनका चयन परमाणु बिजली संयंत्रों में क्षय को समझने और नियंत्रित करने में किये गये योगदान के लिए किया गया.

रेड्डी हैदराबाद में डिफेंस मेटलर्जिकल रिसर्च लैब में वैज्ञानिक हैं और इनका चयन विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में इनके अदभुत योगदान के लिए किया गया. इनके इस योगदान में रक्षा एवं एयरोस्पेस में प्रयोग किये जाने वाले जटिल हिस्सों के निर्माण को संभव बनाने के उपाय खोजना है. सदायप्पन कनाडा के कैनमेट मटीरियल्स, एनआरसीएएन में एक शोध वैज्ञानिक हैं. इनका चयन धातु निष्कर्षण के क्षेत्र में इनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए किया गया.

बयान में कहा गया कि फैलो के रूप में चुने गये इन लोगों के दिशा निर्देशन में एएसएम की क्षमता आने वाले वर्षों में पदार्थ विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के तकनीकी समुदाय के रूप में काफी बढ जाएगी. इन चयनित लोगों को अक्तूबर में ओहायो के कोलंबस में आयोजित मटीरियल्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी 2015 इवेंट के दौरान सम्मानित किया जाएगा.

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