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स्टेट पार्टी को नहीं मिली थी एक भी सीट
वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों का जलवा था. वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बिहार का पहला विधानसभा चुनाव था. इस चुनाव में कांग्रेस को वोटरों की सहानुभूति मिली. उसने 323 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 196 सीटों पर उसे सफलता मिली. कांग्रेस को 39.30} वोट मिले. लोकदल […]
वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों का जलवा था. वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बिहार का पहला विधानसभा चुनाव था. इस चुनाव में कांग्रेस को वोटरों की सहानुभूति मिली.
उसने 323 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 196 सीटों पर उसे सफलता मिली. कांग्रेस को 39.30} वोट मिले. लोकदल को भी 46 सीटों पर सफलता मिली थी. उसने 261 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. जिन क्षेत्रों में लोकदल ने उम्मीदवार खड़े किये थे वहां उसे 17.83} वोट मिले थे. भारतीय जनता पार्टी को भी16 सीटों पर विजय हासिल हुई थी. उसने 234 सीटों प्रत्याशी उतारे थे.
इस विधानसभा चुनाव में राज्य पार्टियों को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी. वहीं असंबद्ध पार्टियों को 10 सीटें मिली थी. ऐसी पार्टियों ने 59 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. इस चुनाव में 29 निर्दलीय भी जीते थे. निर्दलीय प्रत्याशियों को 17.88} वोट मिले थे.
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