वर्ष 1990 में बिहार जनता दल विधायक दल के नेता पद का चुनाव हो रहा था. देवीलाल-शरद यादव के उम्मीदवार लालू प्रसाद थे. वीपी सिंह के उम्मीदवार रामसुंदर दास थे. चंद्र शेखर खेमे को लगा कि शायद वीपी सिंह के खेमे का उम्मीदवार जीत जाएगा, इसलिए उन्होंने रामसुंदर दास का वोट काटने के लिए रघुनाथ झा को विधायक दल के नेता पद के लिए खड़ा करा दिया.
जब लालू प्रसाद बने विधायक दल के नेता
वर्ष 1990 में बिहार जनता दल विधायक दल के नेता पद का चुनाव हो रहा था. देवीलाल-शरद यादव के उम्मीदवार लालू प्रसाद थे. वीपी सिंह के उम्मीदवार रामसुंदर दास थे. चंद्र शेखर खेमे को लगा कि शायद वीपी सिंह के खेमे का उम्मीदवार जीत जाएगा, इसलिए उन्होंने रामसुंदर दास का वोट काटने के लिए रघुनाथ […]
इसका नतीजा यह हुआ कि लालू प्रसाद जीत गये. हालांकि किसे कितने मत मिले, इसकी विधिवत घोषणा तो नहीं की गई, पर पत्रकार श्रीकांत के अनुसार लालू प्रसाद को 58, राम सुंदर दास को 54 और रघुनाथ झा को 14 मत मिले. जनता दल नेतृत्व चाहता था कि चुनाव की नौबत न आये. पर अलग-अलग नेताओं के उम्मीदवार इस पद के दावेदार थे. इसके लिए पटना के ब्रजकिशोर मेमोरियल हॉल में विधायकों ने नेता चुनने के लिए मतदान किया था. केंद्रीय नेतृत्व ने जॉर्ज फर्णाडीस, नीतीश कुमार सहित चार नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था.
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