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सभी मर्जों की दवा विकास, बिहार को 50000 करोड़ से ज्यादा का पैकेज देंगे : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार का बिहार दौरा कई मायनों में यादगार रहा. अपने छह घंटे के समय में उन्होंने पटना में पांच योजनाओं की शुरुआत की व एक का शिलान्यास किया. उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी रहे. दोनों ने एक-दूसरे से खूब बातें कीं और विकास के मुद्दों पर इशारों-इशारों में तकरार भी […]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार का बिहार दौरा कई मायनों में यादगार रहा. अपने छह घंटे के समय में उन्होंने पटना में पांच योजनाओं की शुरुआत की व एक का शिलान्यास किया. उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी रहे.

दोनों ने एक-दूसरे से खूब बातें कीं और विकास के मुद्दों पर इशारों-इशारों में तकरार भी हुई. पटना के आयोजनों की सिलसिलेवार पूरी रिपोर्ट..

बिहार को 50000 करोड़ से ज्यादा का पैकेज देंगे

पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पटना में कहा कि बिहार को पचास हजार करोड़ रुपये से अधिक का विशेष पैकेज मिलेगा. प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार बिहार आये नरेंद्र मोदी ने विकास की अपनी प्राथमिकता बतायी.

अपने संबोधन में उन्होंने इशारे-इशारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुटकी ली और बिना नाम लिये राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर निशाना साधा. प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने पचास हजार करोड़ रुपये की विशेष पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन दिल्ली में बैठने के बाद उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि बिहार की बात पचास हजार करोड़ रुपये से नहीं बननेवाली है. विशेष पैकेज देने की अभी घोषणा नहीं करेंगे, उचित समय पर घोषणा करेंगे. बिहार के लिए हमने जो वायदा किया है उसे पूरा करेंगे, ताकि बिहार के विकास की यात्र में रुकावट न आये. बिहार का विकास तेजी से हो.

अपने 28 मिनट के भाषण में मोदी ने कहा कि राज्यों के विकास के लिए हमें मिल कर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि मैं नीतीश कुमार की बात से सहमत हूं कि अटल जी की सरकार छह माह और रह जाती तो काम पूरा हो गया होता. रेल मंत्री भी यहीं के थे.

2004 में सरकार बदल गयी. तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद का नाम लिये बिना कहा कि रेल मंत्री बदले और काम को रोक दिया गया. नीतीश कुमार का फिर नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस मत का हूं कि हमें विकास की निरंतर यात्र चलानी है.

इन्क्यूबेशन सेंटर नजराना

प्रधानमंत्री ने इन्क्यूबेशन सेंटर को सबसे बड़ा नजराना बताते हुए कहा कि यह आइआइटी इमारत से भी महत्वपूर्ण है. मोदी ने कहा कि सिर्फ दिल्ली में बैठ कर योजना बनाने का वक्त नहीं रह गया है. राज्य की आवश्यकता के अनुसार सोच बनाना चाहिए. बिहार में सरस्वती निवास करती हैं. विशेष मकसद से इन्क्यूबेशन सेंटर बना रहे हैं.

3.75 करोड़ रुपये मिलेंगे

नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में 14 वें वित्त आयोग लागू हुआ. इसका बड़ा लाभ राज्यों को मिल रहा है. नीतीश जी ने भी हमसे बहुत उम्मीद की बात कही. इसके कारण बिहार को 2015-20 तक में पौने चार लाख करोड़ रुपये मिलनेवाला है. पहले यह राशि डेढ़ लाख करोड़ मिलती थी.

एनएच को 5000 करोड़

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में एनएच के लिए केंद्र की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए कुल पांच हजार करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं.

घर-घर पाइप से गैस

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऊर्जा गंगा योजना लेकर आ रहे हैं. इस योजना के तहत सैकड़ों किमी गैस पाइप लाइन बिछाया जायेगा. पटना के घर-घर में पाइप से गैस पहुंचेगा. मोदी ने कहा कि नीतीश जी ने कहा है कि बरौनी का उर्वरक कारखाना के तीन सौ करोड़ बिजली बिल का बकाया माफ कर दिया है. इसके लिए सुशील मोदी ने भी

काफी कष्ट किये थे. इस काम को भी पूरा करेंगे.

बिहार के विकास का नया अध्याय लिखेंगे प्रधानमंत्री : रविशंकर

पटना : केंद्रीय संचार व प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उद्घाटन व शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि वे बिहार के विकास का नया अध्याय प्रधानमंत्री लिखेंगे.

प्रधानमंत्री भारत के विकास की नयी गाथा लिखेंगे. आज बिहार की धरती पर उनका स्वागत करते हुए गौरव हो रहा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार के विकास में सारा विभाग जुटा है. प्रधानमंत्री ने विकास को कभी राजनीति के तराजू पर नहीं तौला.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मांगा

– दनियावां – बिहारशरीफ रेलवे लाइन का विस्तार बरबीघा – शेखपुरा तक तथा नेऊरा तक किया जाये. यह किउल- दानापुर के बीच तीसरी रेल लाइन हो गयी. इससे दोनों जगहों की दूरी भी कम होगी.

– आइआइटी में फैकल्टी बढ़ाया जाये. खासकर कृषि फूड इंजीनियरिंग एयरो स्पेस, जल विज्ञान, बांध, भूकंपरोधी तथा प्योर साइंस विषयों की पढ़ाई हो

– हल्दिया- जगदीशपुर गैस पाइप लाइन से राज्य का 63 } हिस्सा अभी अछूता है इसको भी शामिल किया जाये.

– राज्य सरकार की ओर से एनएच में लगाये गये एक हजार करोड़ राज्य को मिले.

– बरौनी बिजली कारखाने के विस्तार का जिम्मा भेल को दिया गया है, लेकिन यह 13 बार तय समय सीमा बढ़ा चुका है. कई बार के अनुरोध के बाद भी काम में तेजी नहीं आयी है. इस दिशा में केंद्र सरकार पहल करे.

प्रधानमंत्री ने दिया भरोसा

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आइआइटी के नये परिसर की क्षमता को देखते हुए नीतीश कुमार जी की बात सही है. हम यहां बेहतर कोर्स व फैकल्टी की बेहतर सुविधा देंगे. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि दुनिया का टॉप क्लास फैकल्टी भारत में लाएं. आइआइटी में फैकल्टी का विस्तार होगा. राज्य की जरूरत की फैकल्टी तो होगी ही, उत्तम फैकल्टी भी होगी.

– मोदी ने कहा कि बरौनी के उर्वरक कारखाने का काम भी पूरा करेंगे. इससे नौजवानों को रोजगार मिलेगा. किसान को सस्ता उर्वरक मिलेगा. हमने इसकी तैयारी की है. बिहार में रेल सहित सभी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास पर ध्यान दे रहे हैं.

पेंडिंग योजनाओं पर ध्यान दें पीएम

नीतीश ने कहा

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्र में बिहार की लंबित योजनाओं पर जल्द निर्णय लेने की मांग की. वेटनरी कॉलेज परिसर में उन्होंने न सिर्फ प्रधानमंत्री का स्वागत किया, बल्कि बिहार के लिए की गयी पांच योजनाओं की शुरुआत और उद्घाटन के लिए तहे दिल से स्वागत भी किया. अपने संबोधन में तल्खी की जगह नरमी भी दिखायी. एनडीए नेताओं के बीच नीतीश कुमार ने न सिर्फ बिहार की लंबित योजनाओं की समीक्षा करने का अनुरोध किया.

उन्होंने आइआइटी एवं दनियावां-बिहारशरीफ रेल मार्ग के विस्तार की भी मांग रखी. इशारे इशारे में केंद्र सरकार की एजेंसियों की मनमानी की शिकायत भी की. उन्होंने सीधे तौर पर भेल की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार तेरह बार बरौनी बिजली घर के जीर्णाेद्धार के संबंध में अनुरोध कर चुकी है. लेकिन, वह सुन नहीं रहा. प्रधानमंत्री जी अब आप ही आसरा हैं.

सुशील पुराने साथी, नंदकिशोर प्रिय

अपने संबोधन में सुशील कुमार मोदी को पुराने साथी कह कर संबोधित किया. वहीं, नंदकिशोर यादव को प्रिय पुराना साथी बताया. नीतीश कुमार ने कहा कि यदि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार जिसमें वह रेल मंत्री थे, छह महीने पहले लोकसभा चुनाव कराने का निर्णय नहीं लिया होता, तो यह रेल खंड 2004 में ही पूरा हो गया होता. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री, बिजली मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की तारीफ की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बरौनी उर्वरक कारखाना को चालू करने के लिए उसके 300 करोड़ के बिजली बिल को माफ कर दिया. उन्होंने बिहार को विशेष सहायता संबंधी मांग की भी चर्चा की. मंच पर बैठे भाजपा और एनडीए नेताओं को टोकते हुए कहा कि सबकुछ आपकी जानकारी में है. सब मिल कर कल्याण करवा दीजिए.

एनएच के लिए 1000 करोड़ मांगा

नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय उच्च पथ के विकास में राज्य सरकार की ओर से किये गये एक हजार करोड़ रुपया देने की मांग की. उन्होंने कहा कि नंदकिशोर यादव यहां बैठे हैं. वह पथ निर्माण मंत्री थे. उन्हें सब कुछ मालूम है. इसके बाद भी यह पैसा नहीं मिल रहा है. सीएम ने संबोधन की समाप्ति जय हिंद व जय बिहार से किया.

नीतीश ने बटोरी ताली

वेटनरी कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वागत करने के दौरान कई मौके पर नीतीश कुमार ने जम कर तालियां बटोरी. जब उन्होंने सुशील कुमार मोदी को पुराने साथी और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव को प्रिय साथी कहते हुए जैसे ही संबोधित किया, वैसे ही लोगों ने ताली बजा कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया.

ऐसे ही जब नीतीश कुमार ने कहा कि पटना के आइआइटी का परिसर पांच सौ एकड़ का है. इसमें फिलहाल कुछ ही विषयों की पढ़ाई हो रही है. यहां कई और ब्रांचों की पढ़ाई होनी चाहिए. लोगों ने नीतीश कुमार का स्वागत ताली बजा कर किया.

सीएम की मांग पर पीएम की चुप्पी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बरौनी में 250 मेगावाट की दो इकाई को चालू करने के लिए भेल को काम सौंपा. इसे पूरा होने से बिहार को पांच सौ मेगावाट बिजली बिहार को मिलता, लेकिन भेल ने इसे पूरा नहीं किया है. इसे पूरा करने के लिए 13 बार लक्ष्य बदलना पड़ा है.

उन्होंने पीएम से कहा कि आप बिहार की योजनाओं की समीक्षा यहां के अधिकारियों से करते हैं. बड़ी कृपा होती कि आप बिहार के लिए लंबित केंद्रीय योजनाओं की भी समीक्षा करते. नंदकिशोर यादव को पथ निर्माण मंत्री के कार्यकाल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एनएच की मरम्मती के लिए एक हजार करोड़ रुपये खर्च किये, लेकिन आज तक वह बिहार को नहीं मिला है. पीएम ने सीएम की इस मांग की भी अपने भाषण में चर्चा नहीं की.

पीएम ने भाषण में नीतीश का सात बार नाम लिया

प्रधानमंत्री ने अपने 28 मिनट के भाषण में नीतीश कुमार का सात बार नाम लिया. जैसे ही उन्होंने कहा कि विकास में राजनीति नहीं होनी चाहिए. राजनीति विकास को नुकसान पहुंचाती है. इसके बारे में नीतीश जी ने विस्तार से बता दिया है. इतना कहते ही लोगों ने ताली बजा कर मजा लिया. अटल बिहारी वाजपेयी की छह माह पूर्व सरकार गिर जाने पर राजगीर-बिहारशरीफ-दनियावां-फतुहा रेल लाइन में देरी को लेकर जैसे ही नीतीश कुमार की बात को उन्होंने याद दिलायी, लोगों ने जम कर ताली बजायी.

पहले पानी पिया, फिर पीएम ने शुरू किया भाषण

कार्यक्रम में नीतीश कुमार को भाषण देने का मौका पहले मिला. वे बिहार से संबंधित सभी मांगें पीएम के सामने रख दी. इस दौरान कई बार लोगों ने ताली बजा कर उनका स्वागत किया. प्रधानमंत्री नीतीश कुमार की भाषण गंभीरता पूर्वक सुन रहे थे. भाषण के पूर्व पीएम पानी पिया और फिर नीतीश कुमार की हर बातों को एजेंडा से जोड़ते हुए भाषण दिया.

नीतीश ने धर्मेद्र प्रधान को कहा, आप बिहार के ही है

मुख्यमंत्री ने धर्मेद्र प्रधान को बिहार का बताते हुए कहा कि ओड़िशा भी बिहार का ही हिस्सा था. नीतीश कुमार द्वारा प्रधान की प्रशंसा को पीएम ने भी गंभीरता से लेते हुए कहा कि जब नीतीश जी प्रधान की इतनी प्रशंसा किये हैं तो निश्चित रूप से महत्व की योजना है.

राम विलास पासवान और नीतीश की भी हुई गपशप

जैसे ही नरेंद्र मोदी भाषण देने मंच पर गये, नीतीश कुमार के ठीक बगल में बैठे केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने सीएम से गपशप की. यह गप शप पीएम के भाषण तक बीच-बीच में जारी रहा.

बिहार की ओर से आपका स्वागत

पटना : प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार बिहार दौरे पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पटना एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया. शनिवार को राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फूलों का गुलदस्ता देकर प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया. वहीं शाम में वापसी के क्रम में भी राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने विदाई दी. मौके पर सभापति बिहार विधान परिषद अवधेश नारायण सिंह, विधान पार्षद किरण घई, हरेंद्र पांडेय, कार्यकारी मेयर रूप नारायण आदि उपस्थित थे.

यह है हमारी शान मधुबनी पेटिंग

पटना : कार्यक्रम में पेट्रोलियम राज्यमंत्री धर्मेद्र प्रधान ने प्रधानमंत्री को शॉल देकर स्वागत किया. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को तथा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शॉल देकर सम्मानित किया. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने प्रधानमंत्री को, केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने राज्यपाल को तथा केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह के रूप में मधुबनी पेटिंग दिया.

मुंबई के तर्ज पर मुजफ्फरपुर में खुलेगा फिश क्रॉस बिडिंग सेंटर

पटना : केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने मुंबई की तर्ज पर बिहार के मुजफ्फरपुर में ‘फिश क्रॉस बिडिंग सेंटर’ की घोषणा की है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 87वें स्थापना दिवस सह पुरस्कार वितरण समारोह में उन्होंने यह घोषणा की.

श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित इस समारोह में उन्होंने कहा कि देश में फिलहाल मुंबई में ही ‘फिश क्रास बिडिंग सेंटर’ चल रहा है. देश में इसका दूसरा सेंटर मुजफ्फरपुर में खोला जाना है. इसके लिए बिहार सरकार से बात चल रही है. सरकार का सहयोग मिला तो जल्द ही इसकी स्थापना कर दी जायेगी.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार के कृषि विज्ञान केंद्रों की मॉनीटरिंग करने के लिए बिहार में ही निदेशालय का गठन करने जा रहे हैं. इसकी शुरुआत अगस्त महीने में हो जायेगा. इससे पहले बिहार के 38 जिलों में अवस्थित कृषि विज्ञान केंद्रों की मॉनीटरिंग कोलकाता के निदेशालय से होती थी, लेकिन अगस्त महीने में बिहार के कृषि विज्ञान केंद्रों की मॉनीटिरिंग के लिए निदेशालय की स्थापना कर दी जायेगी.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने ‘हिंदुस्तान का किसान दुनिया का पेट भरे और हिंदुस्तान की कृषि किसान का जेब भरे’ को पूरा करना है. प्रधानमंत्री के इस सपने को देश के 2700 कृषि वैज्ञानिक पूरा करेंगे. दूसरी हरित क्रांति का केंद्र पूर्वी राज्यों को बनाना है. देश में एक कृषि अनुसंधान केंद्र था, लेकिन बिहार से सटे झारखंड के बरही में कृषि अनुसंधान केंद्र के लिए शिलान्यास किया गया है.

पटना ने जीता कृषि वैज्ञानिकों का दिल

पटना : तेलंगाना के स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के प्रधान कृषि सूचना अधिकारी डा आनंद पहली बार पटना पहुंचे हैं. उन्होंने पटना आने के क्रम में हवाई जहाज में अपने मोबाइल पर बिहार और पटना के बारे में काफी सर्च किया. शुक्रवार को जब उनका विमान पटना में लैंड किया तब तक वे काफी कुछ जान चुके थे. मसलन बिहार का नाम क्यों बिहार पड़ा?

यहां खेती के क्या हालात हैं, राजनैतिक परिस्थितियां किस कदर हैं और वैशाली व नालंदा किस प्रकार एक दौर में पूरी दुनिया को कैसे शिक्षा का पाठ पढ़ा रहे थे. जब वे पटना पहुंचे तो उनके मन में यहां की ऐतिहासिकता चारों ओर घूम रही थी, जब रात में बोरिंग रोड इलाके में घूमे और लोगों से मिले जुले तो उनको काफी अच्छा लगा. डा आनंद कहते हैं कि बिहारियों के स्वभाव ने दिल जीत लिया. यहां खेती की काफी संभावनाएं है जिस पर काम करना चाहिए. करीब 1800 वैज्ञानिकों में डॉ आनंद अकेले नहीं है जिन्हें पटना पसंद आया.

बेहोश हो गये एक वैज्ञानिक

पटना : दस बजे के आसपास समारोह की तैयारियां परवान पर थीं, तो एसकेएम हॉल में ही एक वैज्ञानिक बेहोश हो गये. इसके बाद उन्हें आनन-फानन में हॉल से बाहर ले जाया गया. साढ़े ग्यारह बजे केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह आये और उन्होंने वैज्ञानिकों का अभिवादन किया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11:55 बजे एसकेएम पहुंचे और कृषि मंत्री से हल्की गुफ्तगू के बाद फिर से बाहर पीएम का स्वागत करने चले गये. पीएम के आने के बाद आइसीएआर के निदेशक ने संस्थान की उपलब्धियां बतायीं और कृषि मंत्री के संबोधन के बाद पीएम ने 12:40 से 1:15 तक संबोधित किया. उनके भाषण की समाप्ति के बाद वैज्ञानिकों ने नमो जिंदाबाद के नारे भी लगाये.

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