खुशबू की मां से मिलने पहुंचे मंत्री डॉ लोइस मरांडी व सांसद निशिकात दुबे
दुमका : जब मेरी बेटी ही नहीं रही तो अब मदद किस काम की. जब मदद की जरूरत थी, उस वक्त तो कोई नहीं आया. आज बेटी चली गयी, तो दु:ख तकलीफ देखने लोग आ रहे हैं. मदद की बात कह रहे हैं. अब न मदद चाहिए, न ही सरकारी शौचालय भी चाहिए. यह दो टूक जवाब खुशबू की मां संजू देवी ने मंत्री डॉ लोइस मरांडी व सांसद निशिकांत दूबे को दी. मंत्री लोइस मरांडी व सांसद निशिकांत सोमवार को खुशबू के परिजनों से मिलने पहुंचे थे. संजू देवी ने कहा कि उसके पति अपनी मेहनत की बदौलत ही किसी तरह बेटा-बेटी को कॉलेज में पढ़ा रहे थे.
पढ़ने के साथ खुशबू बेटी इलाके की महिलाओं में साक्षरता का अलख भी जगा रही थी. उसने बताया कि वे लोग मनरेगा के तहत सरकार से बनने वाले शौचालय मिल पाने की उम्मीद इसलिए भी छोड़ चुके थे कि जलसहिया का चयन भी रद्द हो गया था. किसी तरह घर में काम लगाकर शौचालय बनवाने का भी सोचा था और इसके लिए बालू भी गिरवा रखा था.
दोनों नेताओं ने जताया दु:ख
संजू देवी की बातें सुनकर दोनों नेता भी भाव विह्वल हो उठे. मंत्री लोइस ने कहा कि खुशबू संवेदनशील थी, परिजन भी उसकी परेशानी को समझ नहीं सके. ऐसी घटना दुबारा न हो, इसका प्रयास होगा. वहीं सांसद निशिकांत ने कहा कि आजादी के इतने वर्ष बाद अगर ऐसी घटना होती है, तो हम सभी जनप्रतिनिधियों के लिए यह शर्मनाक बात है.