आज के युवा वर्ग में धैर्य की बेहद कमी है. सब कुछ बहुत जल्दी पा लेने की होड़ में ईमानदारी पीछे छूट गयी है. आज की कहानी इस सोच को बदलने में मदद करेगी. एक राजा था. उसका बहुत बड़ा साम्राज्य था. उसके दस बेटे थे. जब राजा बूढ़ा होने लगा, तो उसने अपने सभी बेटों को बुलाया और बोला- देखो बच्चों, अब मैं बूढ़ा हो चला हूं. चाहता हूं कि तुममें से किसी एक को अपना उत्तराधिकारी बना दूं. यह सुन कर सभी बेटे खुश हो गये.
खुद को दूसरे से बेहतर साबित करने की कोशिश करने लगे. राजा ने कहा कि मैं तुम सब को एक काम देता हूं. जो भी इसे सबसे बढ़िया तरीके से करेगा, वही इस राज्य का नया राजा होगा. राजा ने सभी बेटों को एक-एक बीज का टुकड़ा दिया और कहा, तुमको इस बीज को लेकर एक साल तक जंगल में रहना है. वहां एक गमले में इसे रोपना है और उसकी देखभाल करनी है. एक साल बाद मैं तुमसे मिलूंगा, जिसका पेड़ सबसे बड़ा होगा, वही इस राज्य का नया राजा होगा. उस राजा के सबसे छोटे बेटे का नाम नकुल था. नकुल भी इन सारी बातों को बहुत ध्यान से सुन रहा था. राजा के सभी बेटों ने बीज लिये और अलग-अलग दिशा में जंगल की ओर निकल गये.
नकुल ने भी जंगल पहुंच कर एक गमला लिया और उस बीज को रोप दिया. बहुत अच्छी तरह उस बीज को रोपने, पानी और खाद देने पर भी उसमें छोटा सा पौधा होता और कुछ समय बाद वह पौधा मर जाता. दूसरी ओर, राजा के दूसरे बेटों ने जब बीज को रोप उसमें खाद दिया तो बीज से पौधा और पौधे से पेड़ बनने लगा. साल भर के बाद सभी बेटे फैसले के दिन जमा हुए. एक से बढ़ कर एक सुंदर और मजबूत पेड़ अलग-अलग गमलों में नजर आ रहे थे, लेकिन नकुल का गमला खाली था. सभी दरबारी नकुल के गमले की तरफ देख कर हंस रहे थे. अन्य सभी गमलों की तारीफ के पुल बांध रहे थे. तभी राजा आया, उसने सभी गमलों को देखा और मुस्कुराने लगा. राजा को अपनी ओर आते हुए देख नकुल अपना गमला शर्म के मारे पीछे छिपाने लगा.
राजा ने उसके गमले को देखा और सभी दरबारियों की ओर मुड़कर बोला- सुनो साथियों, आपका नया राजा और मेरा उत्तराधिकारी चुन लिया गया है. सभी बेटों की धड़कनें तेज हो गयीं. राजा ने कहा, आज से आपके नये राजा होंगे नकुल. राजा के दूसरे सभी बेटे व दरबारी यह सुन कर स्तब्ध रह गये. राजा ने कहा, मैंने सभी बेटों को बंजर बीज दिया था. उसमें कभी भी कोई पौधा या पेड़ उग नहीं सकता. मेरे अन्य बेटों ने मुङो धोखा देने के लिए उस बीज को बदल दिया, परंतु नकुल अपने काम के प्रति ईमानदार था. वह उसी वास्तविकता और ईमानदारी के साथ मेरे सामने आया, जो उसने हासिल किया.
ध्यान रखें, बेईमानी के काम को बढ़ाने के लिए की गयी सारी मेहनत बेकार जाती है. ठीक उसी प्रकार जैसे राजा के उन बेटों की साल भर की मेहनत बेकार गयी. ईमानदारी और धैर्य आपको अपना हक दिलाती ही है, चाहे आपके कैरियर का मामला हो या नौकरी का या फिर प्रोमोशन का.