अररिया : राजद-जदयू गंठबंधन को लेकर बिहार में चल रही राजनीति व तरह-तरह की चर्चाओं के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि जनता परिवार के विलय में कुछ तकनीकी कारणों से पेच फंसा हुआ है, लेकिन विधानसभा चुनाव के पूर्व महागंठबंधन होना तय है. सीटों का तालमेल कर गंठबंधन में शामिल दल चुनाव लड़ेंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त दी जायेगी. इस दौरान उन्होंने जहां केंद्र सरकार के एक साल के कार्यकाल को सभी मोरचे पर पूरी तरह विफल बताया. वहीं भाजपा पर देश को खतरनाक मोड़ पर खड़ा करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने शुक्रवार को एक निजी समारोह में शिरकत करने से पूर्व मीडियाकर्मियों से रूबरू होते हुए उक्त बातें कहीं.
भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए शुरू हुई प्रक्रिया
स्थानीय परिसदन में मीडिया से बातचीत में राजद सुप्रीमो ने कहा कि जनता परिवार में शामिल छह दलों का विलय होता, तो ज्यादा अच्छा होता. भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए विलय के जरिये एक विकल्प तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, प्रक्रिया अब भी चल रही है, पर कुछ तकनीकी पेच फंसा हुआ है. इधर विधानसभा चुनाव में भी कम समय रह गया है.
ऐसी परिस्थिति में तत्काल महागंठबंधन करने का निर्णय लिया गया है. ये होना तय है. सीट बंटवारा से लेकर सब कुछ तय हो रहा है. तय होते ही जानकारी सार्वजनिक कर दी जायेगी. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि कुछ चमत्कार हो जाये तो चुनाव से पूर्व विलय भी हो सकता है.
देश किसी की जमींदारी नहीं है
गंठबंधन को लेकर होने वाली बयानबाजी की खबरों व चर्चाओं पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि गंठबंधन होगा या नहीं होगा इसकी फिक्र भाजपा, आरएसएस व भाजपा समर्थित कुछ मीडिया को अधिक है. इसी दौरान सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं द्वारा मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाने संबंधी दिये गये कथित बयान पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि देश किसी की जमींदारी नहीं है. देश पर जितना हिंदुओं का हक है, उतना ही मुसलमानों का भी.
सीएम को लेकर चल रही है बात
नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करने, जीतन राम मांझी को गंठबंधन में शामिल करने सहित पूछे गये कुछ अन्य प्रश्नों का कोई सीधा उत्तर देने के बजाय उन्होंने कहा कि बातचीत चल रही है. मुख्यमंत्री के रूप में किसे स्वीकारा जायेगा या एक अणो मार्ग पर किसका कब्जा होगा, ये सब कुछ तय हो जायेगा. पप्पू यादव की राजनीति पर उन्होंने कहा कि वो इन बातों पर ध्यान नहीं देते, न ही ऐसे प्रश्न उत्तर देने के लायक हैं.
शून्य अंक के लायक भी नहीं है केंद्र सरकार
केंद्र सरकार के एक साल के कार्यकाल के बाबत पूछे गये एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि काला धन से लेकर युवाओं को रोजगार देने तक हर मोरचे पर केंद्र सरकार विफल रही है. केंद्र सरकार शून्य अंक के लायक भी नहीं है. वो इसे माइनस में अंक देंगे. इसी दौरान उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि ‘दगा दे के बलमुआ चल गइलें’.