दक्षा वैदकर
सफल बिजनेस के लिए आदर्श स्थिति आप भले ही निश्चितता और संतुलन को मानते हों, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि समय-समय पर बिजनेस के सामने आने वाली अव्यवस्था इसके लिए खतरनाक ही होगी. इसी अवस्था को थोड़ा अलग नजरिये से देखेंगे, तो पायेंगे कि आपके बिजनेस के सामने आने वाली ये अव्यवस्थाएं आपके सामने ऐसे नये-नये अवसर पेश करती हैं, जो कि पहले से कहीं ज्यादा संतुलन हासिल करवाने में मददगार हो सकती हैं.
दोस्तो, बदलाव तब तक हमें परेशान करते रहते हैं, जब तक हम उन्हें स्वीकार नहीं कर लेते. आपके पुराने आइडिया यदि अब चल नहीं पा रहे या मार्केट में कंपीटीशन अगर बढ़ रहा है, तो इन बदलावों को प्रोत्साहक बलों के रूप में स्वीकार करें. जिस दिन आप इन्हें स्वीकार कर लेंगे, उस दिन इन चुनौतियों से उबरने की तैयारी की हिम्मत आपमें अपने आप ही आ जायेगी.
याद रहे, बिजनेस में पैदा होने वाली अव्यवस्था वैसे तो अच्छे-अच्छों को तोड़ देती है, लेकिन यदि आपका रवैया चुनौतियों को स्वीकार करके उनके समाधान खोजने का है, तो ये आपके कॉन्फिडेंस को बढ़ाने वाले बूस्टर का काम कर जाती है. इसलिए कोशिश करें कि यह अव्यवस्था आपके लिए बूस्टर ही बने. वैसे ये अव्यवस्थाएं आपके लिए रेड अलर्ट भी होती है. दरअसल यह अव्यवस्थाएं आपके बिजनेस में मौजूद किसी न किसी कमी के कारण आती हैं. इसलिए इन्हें अलर्ट सिस्टम की तरह स्वीकारें, जो आपको समय-समय पर अपने सिस्टम को मौजूदा समय के अनुरूप सेट करने में मदद करता है.
आपके साथ भी शायद ऐसा हुआ हो कि लंबे समय से चले आ रहे बिजनेस से आप खुश हों और अचानक धीरे-धीरे आपके कस्टमर आपको छोड़ने लगते हैं. यह स्थिति आपको बेचैन कर जाती है. इस अव्यवस्था से भी डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आपका साथ छोड़ कर किसी दूसरे की ओर जाते ये कस्टमर्स आपको संकेत दे जाते हैं कि आपकी नीतियां पुरानी पड़ चुकी हैं और उनमें कुछ न कुछ बदलाव करने का समय अब आ गया है. इसे एक अवसर की तरह लें.
बात पते की..
– जब भी आपके सामने कोई समस्या खड़ी हो, यह सोचें कि यह आपको एक सीख देने के लिए आयी है. यह चाहती है कि आप और परिपक्व बनें.
– ऐसे लाखों उदाहरण भरे पड़े हैं, जब लोगों के सामने बिजनेस में कोई चुनौती आयी और उन्होंने उसे स्वीकार कर बिजनेस को नयी ऊंचाईयां दीं.