एक मछली होती है, पतली-सी चपटी-सी. पतंग जैसी, साथ में पूंछ भी. ये मछली हालांकि छुपने में माहिर होती है, समुद्र की रेत वगैरह के नीचे खुद को बचाने के लिए छुपा लेती है. लेकन, अगर जान आफत में पड़े, तो हमला भी करती है और डंक भी मार देती है. और इसी वजह से इसका नाम रखा गया स्टिंगरे. अब इस मछली की बनावट कहें या फिर इसकी आक्रामक इमेज, कार कंपनियों को जरूर इसमें कुछ तो दिखता है, तभी तो 50 के दशक में जनरल मोटर्स ने इस नाम को इस्तेमाल किया था, अपनी कॉर्वेट स्पोर्ट्स कार के कॉन्सेप्ट के तौर पर. हाल में इसी कॉर्वेट स्टिंगरे की काफी चर्चा है क्योंकि कंपनी बहुत जोर-शोर से इसी कार का 2014 अवतार उतारने वाली है. इस नाम के साथ अब स्पोर्टी इमेज जुड़ गयी. इसीलिए मारुति ने जब इस नाम की कार को उतारने के बारे में ऐलान किया तो चौंकना वाजिब था.
मारुति को हम अब तक 800, ऑल्टो, इको और डिजायर जैसे नामों से जोड़ते हैं, सुंदर-सुशील नामों के साथ. आमतौर पर ऐसे आक्रामक नाम के साथ हमने मारुति को कार उतारते नहीं देखा था. और जब कार सामने आयी तो पता चला कि कंपनी क्या करने की कोशिश में लगी है. वो कोशिश कर रही है अपने पुराने प्रोडक्ट की नयी पोजीशन बनाने की. ये स्टिंगरे दरअसल, वैगन-आर के अपग्रेड का ही नाम है. अपग्रेड इसलिए क्योंकि इसमें कॉस्मेटिक और फीचर्स के हिसाब से बदलाव किये गये हैं. कोशिश ये है कि यंग और ‘ज्यादा की’ मांग करनेवाले ग्राहक इसकी तरफ देखें.
वैगन-आर अभी तक एक पैसा वसूल फैमिली व्हीकल रही है. इसमें ग्लैमर नहीं रहा है, लुक औसत रहा है. अब तक इस कार की इमेज प्रैक्टिकल वाली रही है. अब कंपनी की कोशिश है कि इसकी इमेज को बदला जाये. इसे ग्राहकों की पसंद के हिसाब से बदलने की कोशिश की जाये. यह तब्दीलियां इसी ब्रांड के दायरे को बढ़ाने और अपना किला बचाने की लग रही हैं. इसलिए सबसे पहले तो इसका नाम बदल दिया गया है- स्टिंगरे. जिसके साथ छोटा सा वैगन-आर लिखा आपको दिखाई देगा. वैसे ही, जैसे कंपनी ने एस्टिलो को जेन के नाम से उतारा था बाद में जेन का आकार छोटा होता गया और नाम एस्टिलो ही रह गया. इस बार तो कंपनी ने सीधे ही इसकी पहचान स्टिंगरे की रखी है.
फिर आते हैं इसके चेहरे पर, तो यह बहुत अलग है पहले से. फ्रंट ग्रिल पर क्रोम का इस्तेमाल और उसका पारदर्शी सा हिस्सा सालों से जानी पहचानी वैगन-आर को बिल्कुल नया चेहरा दे रहा है. कुल मिलाकर इसे आकर्षक कहेंगे. कार के पिछले हिस्से में भी कई मोहरे से लेकर अंदर तक आपको ये तब्दीलियां महसूस होंगी. खासकर इसका फ्रंट ग्रिल इसे बिल्कुल नया चेहरा दे रहा है. पिछले हिस्से में भी कहानी रिफ्रेश की गयी है. बाकी कार के अंदर कई फीचर्स नये लगाये गये हैं. ज्यादातर वो फीचर्स, जो आजकल की नयी छोटी कारों में आने लगे हैं. कई नये तरीके के डिस्प्ले जिसमें माइलेज और डिस्टेंस टू एंप्टी है, यानी टंकी में बचा पेट्रोल कितनी दूर ले जा सकता है. साथ में थोड़े प्रीमियम फीचर जिसमें लेदर का इस्तेमाल स्टीयरिंग व्हील पर. साथ में एक वर्जन में स्टीयरिंग पर ऑडियो कंट्रोल भी दिया गया है.
बाकी सभी पहलू वैगन-आर वाले ही हैं, इंजन और माइलेज वैसे ही. और इसकी कीमत रखी गयी है 4 लाख 9 हजार से 4 लाख 67 हजार रुपये के बीच. इसलिए सवाल कई हैं. इस नयेपन के साथ वैगन-आर नये ग्राहकों में नयी छवि बना पायेगी कि नहीं. क्या यह कार अब तक की अपनी छवि से इतनी दूर जा पायेगी कि यंग कस्टमर में ‘कूल कार’ बन सके. एक तरीके से ये तो मान सकते हैं कि मारुति इस सेगमेंट में ज्यादा ग्राहकों को खींच पायेगी. लेकिन एक पहलू ये भी है कि आने वाले वक्त में हुंडई अपनी नयी आई10 ला रही है, ग्रैंड आई 10. हो सकता है मारुति की कोशिश उन नये प्रोडक्ट्स से भिड़ने की भी हो, जो हाल फिलहाल में डिजाइन होने की वजह से ज्यादा नयी और अपडेटेड हो. ऐसे में कंपनी के पुराने प्रोडक्ट्स को तो नया बनाना ही पड़ेगा.