प्रधानमंत्री को भेजा पत्र प्रतिनिधि, सोनोप्रखंड क्षेत्र के किसान नेता हलधर कपिलदेव सिंह ने एनडीए सरकार द्वारा लाये गये भूमि अधिग्रहण बिल 2015 को श्रेयस्कर बताया है. उन्होंने उक्त बिल का विस्तृत अध्ययन करने के बाद प्रधानमंत्री को पांच पृष्ठ का एक पत्र भी भेजा है. जिसमें विस्तृत चर्चा करते हुए कुछ सुझाव भी दिये हैं. जिसके तहत कहा कि यदि किसान सीआरआर का लाभ नहीं लेना चाहे तो सरकार एक विकल्प की व्यवस्था के तहत अधिगृहित खेतों में होने वाले फसल की आधी कीमत प्रत्येक छह माह पर किसानोंे को दिये जाने का प्रावधान करें. ताकि अधिग्रहण शब्द अर्पण में बदल जाय. अपने पत्र के माध्यम से उन्होंन कहा कि 1837 से भूमि अधिग्रहण शुरू हुआ जिसने 1894 में विधेयक का रूप लिया.गुलाम देश का बना यह कानून आजाद देश में 2013 तक प्रभावी रहा.2013 में यूपीए की सरकार को इस कानून में नवीनीकरण करने के बात सूझी, परंतु उन्होनंे 13 अधिनियमों 2015 में संशोधन करने की बात कह कर उसे छोड़ दिया.वर्तमान में मोदी सरकार ने सुधार करते हुए संशोधित भूमि अधिग्रहण विधेयक लाया जो विकासोन्मुख व रोजगार का सृजन करने वाला है. उन्होंने विरोध करने वाले किसानों से प्रश्न पूछा है कि आप अपनी पीढ़ी,परिवार,समाज या देश को विकसित देखना चाहते हैं.अथवा चहेते दल को सत्तासीन देखने की लालसा में पड़ना चाहते हैं. हम अपने बच्चों को शिक्षित बना रहें हैं.ताकि उन्हें रोजगार मिले प्रखंड के अन्य प्रबुद्ध किसानों में सुभाषचन्द्र सिंह,अभिनन्दन सिंह,योगेन्द्र यादव,अनुज सिंह समेत अन्य लोगों ने भी कपिलदेव सिंह की बातों का समर्थन किया है.
किसान नेता ने कहा भूमि अधिग्रहण बिल 2015 श्रेयस्कर
प्रधानमंत्री को भेजा पत्र प्रतिनिधि, सोनोप्रखंड क्षेत्र के किसान नेता हलधर कपिलदेव सिंह ने एनडीए सरकार द्वारा लाये गये भूमि अधिग्रहण बिल 2015 को श्रेयस्कर बताया है. उन्होंने उक्त बिल का विस्तृत अध्ययन करने के बाद प्रधानमंत्री को पांच पृष्ठ का एक पत्र भी भेजा है. जिसमें विस्तृत चर्चा करते हुए कुछ सुझाव भी दिये […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement