जर्मनी ने एक ऐसा एंटीना बनाया है जो आकाश से ही समुद्री जहाजों के यातायात पर अपने पैनी नजर रखेगा. जर्मनी के ब्रेमन शहर में अवस्थित जर्मन एरोस्पेस सेंटर ने इसे बनाया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक किलोग्राम से भी हल्का एंटीना है.
इसके इतने हल्के होने के कारण इसे वैज्ञानिकों ने इसे ‘फ्लाइंग एंटीना’ का नाम दिया है. भले ही यह एक किलोग्राम से भी कम वजन का है लेकिन इसकी लंबाई तकरीबन चार से पांच मीटर के बीच है. इसे जिस सेटेलाइट में लगाया गया है, उसका वजन लगभग 13 किलो है. यह जहाजों की आवाजाही पर नजर रखनेवाला पहला जर्मन उपग्रह है.
ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिगनल यानी एआइएस समुद्री यातायात के लिए बहुत जरूरी होता है. समुद्र में इस सिगनल की रेंज तकरीबन 25 किलोमीटर तक होती है. ऐसे में यह एंटीना इस दरमियान आने-जानेवाले जहाजों के बीच के टक्कर की जानकारी देगा. इससे जहाज टक्कर से बच सकते हैं.
सामान्य तौर पर भेजी जानेवाली सैटेलाइटों में नॉन डाइरेक्शनल एंटीना लगे होते हैं, जो छ: हजार किलोमीटर के व्यास का क्षेत्र घेरते हैं. जबकि ब्रेमन में जो सैटेलाइट बनायी गयी है वह बहुत सटीक है. समुद्री हमलों के ऐतबार से इस उपग्रह और इसमें लगे एंटीना से इनकी जानकारी मिल जाया करेगी.
(स्नेत : डीडब्ल्यू.डीई)