हमारा दिमाग खुशी के पलों को अपनी यादों में बेहद संजीदगी से सहेज कर रखता है. दिमाग में मौजूद नर्व कोशिकाओं को वैज्ञानिकों ने विस्तार से समझने में सफलता पायी है.खुशी के मौकों को मेमोरी में रखने के लिए दिमाग का एक खास संकट काम करता है. ‘साइंस डेली’ की एक खबर में बताया गया है कि विभिन्न तरह के संकट का इस्तेमाल करते हुए दिमाग इच्छित दृश्यों को हमारी यादों में एक फीचर के तौर पर सुरक्षित रखता है.
यूएबी डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोबायोलॉजी के चेयर डेविड स्वेट का मानना है कि सीखने की प्रक्रिया और यादों को संजो कर रखने का एक खास मोलेकुलर मेकेनिज्म है, जिससे हमारा दिमाग ऐसा कर पाने में कामयाब होता है. इस अध्ययन में बताया गया है कि ऐसी यादें रासायनिक परिवर्तनों से सृजित होती हैं, जो मेमोरी से संबंधित नर्व कोशिकाओं की जीन्स में मौजूद होती है.
दिमाग के आनंद का केंद्र नर्व कोशिकाओं में होता है, जिसमें न्यूरोकेमिकल डोपामाइन का इस्तेमाल होता है. हालांकि, इसमें बताया गया है कि किसी प्रकार के मादक पदार्थो का सेवन करने पर भी दिमाग में आनंद की एक अलग तरह की अनुभूति होती है और यह भी हमारे मेमोरी को प्रभावित करती है.
लेकिन यह एक अलग मसला है. इस शोध के लिए सबसे पहले चूहों का इस्तेमाल किया गया और इनको खाने में चीनी के दाने दिये गये और उसके बाद उनके दिमाग में पैदा होनेवाली खुशी का आंकलन किया गया. बाद में इसी मॉडल को इनसान पर लागू किया गया और जाना गया कि यह इनसान पर कैसे काम करता है.