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गार्डियन अखबार का बडा खुलासा : G20 में पीएम नरेंद्र मोदी सहित 31 नेताओं की निजी जानकारी हुई थी लीक
लंदन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व के उन 31 नेताओं में शामिल हैं जिनकी निजी जानकारी पिछले साल आस्ट्रेलिया में हुए जी 20 शिखर सम्मेलन में गलती से सार्वजनिक हो गई. गार्डियन अखबार की खबर के मुताबिक पिछले साल नवंबर में ब्रिसबेन में जी 20 देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन में शरीक होने वाले […]
लंदन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व के उन 31 नेताओं में शामिल हैं जिनकी निजी जानकारी पिछले साल आस्ट्रेलिया में हुए जी 20 शिखर सम्मेलन में गलती से सार्वजनिक हो गई.
गार्डियन अखबार की खबर के मुताबिक पिछले साल नवंबर में ब्रिसबेन में जी 20 देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन में शरीक होने वाले नेताओं के पासपोर्ट नंबर, वीजा ब्यौरा और अन्य निजी जानकारी आस्ट्रेलियाई आव्रजन विभाग के एक कर्मचारी के ईमेल भेजने में हुई गलती के चलते एशियन कप फुटबॉल टूर्नामेंट के आयोजकों के पास पहुंच गई.
खबर के मुताबिक मोदी के अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो और ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन उन नेताओं में शामिल हैं जिनके बारे में जानकारी सार्वजनिक हो गईं.
सात नवंबर 2014 की घटना के बारे में सूचना देने के लिए और फौरी सलाह मांगने के लिए आस्ट्रेलियाई निजता आयुक्त से ऑस्ट्रेलिया के आव्रजन एवं सीमा सुरक्षा विभाग के निदेशक ने संपर्क किया.
लेकिन अखबार ने दावा किया है कि इस घटना के बारे में जी 20 देशों के नेताओं को सूचना देना आवश्यक नहीं समझा गया. इस घटना के लिए जिम्मेदार कर्मचारी ने गलती से एशियन कप की स्थायी आयोजन समिति के एक सदस्य को निजी जानकारी के साथ ईमेल कर दिया.
अधिकारी ने लिखा है, निजी जानकारी जो सार्वजनिक हो गई उनमें 31 अंतरराष्ट्रीय नेताओं (प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उनके समकक्षों) के नाम, जन्म तिथि, टाइटल, पद, पासपोर्ट नंबर, वीजा नंबर और वीजा उपवर्ग शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इन जानकारी के सार्वजनिक होने का कारण मानवीय गलती है.
उन्होंने लिखा है कि यह विषय उनके ध्यानार्थ फौरन लाया गया. यह सिर्फ सिर्फ मानवीय गलती तक सीमित है और इसका प्रणालीगत या सांस्थानिक उल्लंघन से कोई लेना-देना नहीं है.
आव्रजन अधिकारी ने इसके बाद यह सिफारिश की कि विश्व के नेताओं को उनकी जानकारी सार्वजनिक होने से अवगत नहीं कराया जाए. अधिकारी ने लिखा है, बताया गया कि जानकारी सार्वजनिक होने का जोखिम बहुत कम था और ईमेल को और अधिक फैलने से रोकने के लिए की गई कार्रवाई के चलते मुझे नहीं लगता कि इस बारे में सूचना देनी जरुरी थी. ऑस्ट्रेलिया के उप विपक्षी नेता तान्या प्लीबर्स्क ने प्रधानमंत्री टोनी एबॉट से बात की और इस घटना की जानकारी विश्व के नेताओं को नहीं दिए जाने का कारण बताया.
एक सरकारी एजेंसी से देश के अब तक के सबसे बडे डेटा के सार्वजनिक होने के लिए आस्ट्रेलिया का आव्रजन विभाग भी जिम्मेदार है.
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