ट्रांसपोर्टगुरुडॉटइन एक ऐसी वेबसाइट है, जिसके माध्यम से ट्रांसपोर्टर और उपभोक्ता दोनों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. इस वेबसाइट के माध्यम से अनुपम सोनी ने पारिवारिक व्यवसाय को एक नया रूप प्रदान किया है.
काम तो कई तरह के होते हैं, लेकिन अपने कैरियर ग्रोथ के साथ ही पारिवारिक व्यवसाय को भी आगे बढ़ाना अलग तरह का सुकून देता है. अनुपम सोनी ने अपनी पढ़ाई के बाद कुछ ऐसा ही किया है. पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनुपम ने अपनी रुचि के अनुसार पढ़ाई की, फिर उस कैरियर को अपने पारिवारिक व्यवसाय के साथ जोड़ कर ट्रांसपोर्टगुरु डॉट इन (http://www. transportguru.in/) को स्वरूप दिया.
अनुपम कहते हैं कि मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के बाद ट्रांसपोर्ट के पारिवारिक व्यवसाय में आया. मैं इसकी दिक्कतों से काफी हद तक वाकिफ भी था, क्योंकि जब हमारे ट्रक कहीं जाते थे, तो लौटते हुए खाली आते थे. इससे हमारे जैसे हर ट्रांसपोर्टर को काफी नुकसान होता था.
कैसे हुई शुरुआत
ट्रक ट्रांसपोर्ट में होनेवाले खर्च का अंदाजा आम लोगों को नहीं होता है. कार हायर करना और ट्रांसपोर्ट के लिए ट्रक बुक करना, दोनों में बहुत अंतर है. मेरे पिताजी हमेशा बताया करते थे कि इस व्यवसाय में कोई ऐसा कॉमन प्लेटफॉर्म होना चाहिए, जिसमें सभी अपनी जरूरतों को वहां रख सकें. जब मैंने इस क्षेत्र में कदम रखा, तो मुङो भी इन समस्याओं का अहसास हुआ. मैंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की हुई थी, इसलिए ऐसी वेबसाइट बनाने में काफी मदद मिली. ट्रांसपोर्टगुरु डॉट इन एक कॉमन पोर्टल है. इसमें माल भेजनेवाले (आमलोग, फैक्ट्ररीवाले), ट्रांसपोर्टर्स, कुरियर कंपनी सब जुड़े हैं. जिन्हें माल भेजना होता है, वे इस वेबसाइट पर अपनी जरूरत पोस्ट करते हैं. इससे उपभोक्ता को काफी सस्ता रेट मिलता है. आज इस वेबसाइट पर एक हजार से ज्यादा ट्रांसपोर्टर जुड़े हैं.
कैसे करती है काम
इसी तरह से ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक भी अपनी जरूरत को इस वेबसाइट पर डालते हैं. जैसे मेरा ट्रक फलां जगह पर खड़ा है. उस स्थान से सामान भेजनेवाले उस ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक से संपर्क कर लेते हैं. इससे ट्रांसपोर्ट मालिकों को लौटने पर होनेवाले नुकसान से मुक्ति मिलती है.
कहां से मिलता है रेवैन्यू
हम ट्रांसपोर्टर से मेंबरशिप चार्ज के रूप में 500 रुपये लेते हैं. उपभोक्ताओं के लिए यह पूरी तरह से मुफ्त है. सिक्योरिटी के लिए स्टार रेटिंग का सिस्टम बनाया है. उपभोक्ता सर्विस पूरी होने के बाद ट्रांसपोर्ट कंपनी को स्टार देता है. नया उपभोक्ता इन स्टार्स को देख कर कंपनी का चयन करता है.
मंजूषा सेंगर