38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गुस्से पर काबू करें उसके बाद बोलें

दक्षा वैदकर एक्ट्रेस यामिनी गौतम का मैं एक इंटरव्यू देख रही थी, जिसमें उन्होंने अपने स्कूल के दिनों का एक किस्सा बताया है. यामिनी ने बताया कि जब वे क्लास 12 में थीं और आइसीएसइ बोर्ड के फिजिक्स के प्रोजेक्ट के नंबर लेने की बारी आयी, तो यह कहा गया कि उन स्टूडेंट्स को ही […]

दक्षा वैदकर
एक्ट्रेस यामिनी गौतम का मैं एक इंटरव्यू देख रही थी, जिसमें उन्होंने अपने स्कूल के दिनों का एक किस्सा बताया है. यामिनी ने बताया कि जब वे क्लास 12 में थीं और आइसीएसइ बोर्ड के फिजिक्स के प्रोजेक्ट के नंबर लेने की बारी आयी, तो यह कहा गया कि उन स्टूडेंट्स को ही नंबर मिलेंगे, जिन्होंने पूरे साल अपनी कॉपी टीचर से चेक करवायी होगी.
यानी टीचर के सिग्नेचर कॉपी में नजर आयेंगे. कई स्टूडेंट्स घबरा गये, क्योंकि क्लास के अधिकांश स्टूडेंट्स की कॉपी में टीचर के सिग्नेचर नहीं थे. तब किसी ने आइडिया निकाला. क्लास की एक लड़की ने टीचर के सिग्नेचर करना सीख लिया. उसने सभी की कॉपी में सिग्नेचर कर भी दिये. सभी अपना प्रोजेक्ट दिखाने टीचर के पास गये. एक-एक कर सभी को टीचर ने मार्क्‍स दे दिये. क्योंकि मेरा नाम वाइ (यामिनी) से शुरू होता है, मैं सब से लास्ट में टीचर के पास पहुंची. मेरी किस्मत खराब निकली. सर ने सिग्नेचर देख कर कहा, ये तो मेरे सिग्नेचर नहीं हैं. मैंने कहा, सर ये आपके ही सिग्नेचर हैं.
वे गुस्से में बोले, मूङो बेवकूफ बना रही हो. चलो मेरे साथ. मुङो तुमसे बात करनी है. मेरे गाल लाल हो गये थे. पूरी क्लास इशारे से मुङो बोल रही थी कि प्लीज, हमारा नाम मत लेना. मुङो उन पर भी गुस्सा आया और खुद पर भी. दरअसल मैं अपनी कॉपी में नकली सिग्नेचर करवाने के पक्ष में नहीं थी, लेकिन फ्रेंड्स ने प्रेशर दिया कि करवा लो, तो मुङो करवाना पड़ा था. एक पल को लगा कि मैं सब कुछ सच-सच कह दूं कि मैं अकेली दोषी नहीं हूं. मेरे अलावा और भी स्टूडेंट्स हैं, जिन्होंने नकली सिग्नेचर करवाये. फिर मुङो लगा कि सभी मेरे ही दोस्त हैं. मैं तो वैसे भी फंस चुकी हूं.
बेहतर है झूठ बोल दूं. मैंने सर से कहा, मेरे लिए यह मार्क्‍स बहुत जरूरी थे इसलिए मैंने ही आपके सिग्नेचर कर दिये. आइ एम सॉरी. उन्होंने भी मेरी पिछली अच्छी परफॉर्मेस देख कर मुङो माफ कर दिया. हालांकि प्रोजेक्ट के नंबर नहीं दिये, लेकिन इस मामले में कोई एक्शन भी नहीं लिया. मेरे सारे फ्रेंड्स ने मुङो थैंक्यू कहा और हमने वादा किया कि आगे से ऐसी चीटिंग कभी नहीं करेंगे.
बात पते की..
– कई बार हम खुद को मुसीबत में पाकर इतना गुस्सा करते हैं कि अपने साथ कई लोगों का नुकसान कर बैठते हैं. बेहतर हैं कंट्रोल कर लें.
– गलतियां सभी से होती हैं. बेहतर है कि हम उसे स्वीकार कर लें. कोशिश करें कि अपने ज्यादा बोलने की वजह से किसी को नुकसान न पहुंचे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें