अर्थशास्त्र से जुड़े मामलों में दुनिया की जानी-मानी पत्रिका ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड से शिक्षित जेनी मिंटन बेडोज को अपना अगला एडिटर इन चीफ चुना है. यह दुनिया की ओपिनियनमेकर पत्रिका मानी जाती है. जेनी आगामी दो फरवरी को वह पद संभालेंगी. हालांकि, किसी महिला को सर्वोच्च पद पर बिठानेवाला यह पहला प्रकाशन समूह नहीं है. अपने भारत में ऐसे उदाहरण एकाध ही हैं. अब धीरे-धीरे ही सही, अन्य घराने भी पत्रकारिता में महिला शक्ति का लोहा मानने लगे हैं.
सेंट्रल डेस्क
पिछले हफ्ते ‘द इकोनॉमिस्ट’ पत्रिका ने जेनी मिंटन बेडोज को अपना एडिटर इन चीफ चुना. सितंबर 1843 से छप रही इस पत्रिका के 171 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई महिला इस पद के लिए चुनी गयी हो. यहां गौर करनेवाली एक बात यह भी है कि इस पत्रिका के शीर्ष पद के लिए आवेदन करनेवाले 13 अभ्यर्थियों में सारे इकोनॉमिस्ट के पुराने या वर्तमान कर्मचारी थे और मिंटन बेडोज एकमात्र महिला थीं.
सन 1994 से इस संस्थान से जुड़ीं और वर्तमान में बिजनेस अफेयर्स एडिटर के पद पर कार्यरत 47 वर्षीय मिंटन ने ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड से डिग्रियां ली हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पोलैंड के वित्त मंत्रलय में सलाहकार के रूप में की. उसके बाद उन्होंने दो साल इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आइएमएफ) में एक अर्थशास्त्री के तौर पर काम किया. अब अगले कुछ दिनों में वह नौ सालों तक ‘द इकोनॉमिस्ट’ के संपादक रहे जॉन मिकलथ्वेट की जगह लेंगी. जॉन अगले दो-तीन दिनों में अपना पदभार मिंटन को सौंप देंगे और ‘ब्लूमबर्ग न्यूज’ के एडिटर इन चीफ का पद संभालेंगे. ‘द इकोनॉमिस्ट’ ग्रुप के चेयरमैन रूपर्ट पेनेंट रेआ ने मिंटन के नेतृत्व कौशल की सराहना करते हुए उम्मीद जतायी है कि वह संस्थान के मूल्यों पर चल कर उसे और ऊंचाई प्रदान करेंगी. बहरहाल, अपने वर्ग में एक खास पहचान बना चुकी यह ब्रिटिश पत्रिका किसी महिला को शीर्ष पर नियुक्त करने के मामले में भी अग्रणी साबित हुई.
चूंकि ‘द फायनेंशियल टाइम्स’, ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’, ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ और ‘लॉस एंजिलिस टाइम्स’ में भी आज तक कोई महिला एडिटर यानी संपादक नहीं हुई. न ही ब्रिटेन के ‘टाइम्स’, ‘टेलीग्राफ’ या ‘गाजिर्यन’ ऐसा कभी कर पाये हैं. ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ को अपनी पहली महिला संपादक 2011 में और ‘ले मोंड’ को 2013 में ही मिल पायी.
यह अलग बात है कि दोनों अब इस पद पर नहीं हैं. दूसरी ओर, पिछले लगभग आधे दशक से ‘टाइम’ और ‘न्यूजवीक’ की मुखिया महिलाएं हैं. बात करें ‘बिजनेसवीक’ की, तो यहां कभी कोई महिला शीर्ष पर नहीं पहुंच सकी, जबकि ‘सैन फ्रांसिस्को क्रोनिकल’ ने बमुश्किल पंद्रह-बीस दिनों पहले पहली बार किसी महिला को अपना एडिटर इन चीफ चुना है.
आगामी दो फरवरी से ‘द इकोनॉमिस्ट’ की मुख्य संपादक की भूमिका निभानेवाली मिंटन बेडोज ने अपनी नियुक्ति पर हर्ष जताते हुए कहा है, ‘द इकोनॉमिस्ट’ का संपादन करने का अवसर पाकर मुङो बड़ी खुशी हो रही है. यह दुनिया में पत्रकारिता जगत के सबसे बड़े संस्थानों में से एक है, जहां के कर्मचारी असाधारण प्रतिभा के धनी हैं. आशा है, मुङो इनका सहयोग आगे भी मिलता रहेगा.
सन 2008 में आयी वैश्विक मंदी पर काफी कुछ लिख-पढ़ चुकीं मिंटन को अपना कामकाज ‘द इकोनॉमिस्ट’ के लंदन स्थित हेडक्वार्टर्स से संभालना होगा, जहां उन्हें कोच और रेफरी की भूमिका साथ-साथ निभानी होगी. चूंकि उनकी टीम में विश्व स्तर के दिग्गज और तेज-तर्रार जानकार होंगे, जो अपने-अपने क्षेत्रों में बेशक माहिर होंगे. ऐसे में मिंटन की जिम्मेदारी चुनौतीपूर्ण होना लाजिमी है. आशा है वे इन चुनौतियों के बीच से अपनी राह बना लेंगी और दुनिया एक बार फिर महिला शक्ति की क्षमता से रूबरू होगी.