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कॉमन सेंस से दूर भाग जायेंगी मुश्किलें

दक्षा वैदकर एक सरोवर में तीन दिव्य मछलियां थीं. एक का नाम था व्यावहारिक बुद्धि. दूसरी का था मध्यम बुद्धि और तीसरी का था अति बुद्धि. अति बुद्धि के पास ज्ञान का असीम भंडार था. वह सभी प्रकार के शास्त्रों का ज्ञान रखती थी. मध्यम बुद्धि उतनी ही दूर तक सोचती थी, जिससे उसका वास्ता […]

दक्षा वैदकर
एक सरोवर में तीन दिव्य मछलियां थीं. एक का नाम था व्यावहारिक बुद्धि. दूसरी का था मध्यम बुद्धि और तीसरी का था अति बुद्धि. अति बुद्धि के पास ज्ञान का असीम भंडार था. वह सभी प्रकार के शास्त्रों का ज्ञान रखती थी. मध्यम बुद्धि उतनी ही दूर तक सोचती थी, जिससे उसका वास्ता पड़ता था. परंपरागत ढंग से अपना काम करती थी. व्यावहारिक बुद्धि न परंपरा पर ध्यान देती थी और न ही शास्त्र पर.
उसे जब जैसी आवश्यकता होती, निर्णय लेती थी. एक दिन मछुआरे वहां आये और बातें करने लगे कि यहां काफी मछलियां हैं, सुबह आ कर हम जाल डालेंगे.
उनकी बातें मछलियों ने सुनी. व्यावहारिक बुद्धि ने कहा- हमें फौरन यह तालाब छोड़ देना चाहिए. पतले सोतों का मार्ग पकड़ कर उधर जंगली घास से ढंके हुए जंगली सरोवर में चले जाना चाहिए. मध्यम बुद्धि ने कहा- प्राचीन काल से हमारे पूर्वज ठंड के दिनों में ही वहां जाते हैं और अभी तो वह मौसम ही नहीं आया है. हम इस परंपरा को नहीं तोड़ सकते. मछुआरों का खतरा हो या न हो, हमें इस परंपरा का ध्यान रखना चाहिए. अति बुद्धि ने गर्व से हंसते हुए कहा- तुम लोग अज्ञानी हो, तुम्हें शास्त्रों का ज्ञान नहीं है. हमलोग एक हजार तरीकों से तैरना जानते हैं, तल में जा कर बैठने की सामथ्र्यता है, अव्वल तो वे मछुआरे आयेंगे नहीं, और यदि आये तो हम तैर कर नीचे बैठ जायेंगे. उनके जाल में नहीं फंसेंगे. एक-दो मछलियां फंस भी गयीं, तो पूंछ से जाल फाड़ कर निकल जायेंगी.
व्यावहारिक बुद्धि ने कहा- मैं शास्त्रों के बारे में नहीं जानती, मगर मेरी बुद्धि कहती है कि मनुष्य जैसे भयानक शत्रु की आशंका सिर पर हो, तो भाग कर कहीं छुप जाओ. ऐसा कहते हुए वह अपने साथियों को लेकर चल पड़ी. मध्यम बुद्धि और अति बुद्धि अपनी परंपरा और शास्त्र ज्ञान को लेकर वहीं रहीं. अगले दिन मछुआरों ने वहां जाल डाला और उन दोनों की एक न चली. जब मछुआरे उनके विशाल शरीर को टांग रहे थे, तब व्यावहारिक बुद्धि ने गहरी सांस लेकर कहा- इनके शास्त्र ज्ञान ने ही धोखा दिया. काश, इनमें थोड़ी व्यावहारिक बुद्धि भी होती.
बात पते की..
– व्यावहारिक बुद्धि से आशय है कि किस समय हमें क्या करना चाहिए और जो हम कर रहे हैं, उसके क्या परिणाम होंगे, यह सब सोचना.
– बोलचाल की भाषा में इसे कॉमन सेंस भी कहते हैं. भले हम बड़े ज्ञानी न हों, लेकिन अपनी कॉमन सेंस से हम हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं.

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