अमृतसरः क्या आप विश्वास करेंगे की कुत्ते की मासिक आय पचास हजार रुपये है, इतना हीं नही इसकी सुरक्षा में 24 घंटे जवान तैनात रहते है, आने जाने के लिए गाड़ियां और आराम करने के लिए एसी कमरे दिये जाते है.
इन्हे रहने के लिए अमृतसर के सबसे पॉश इलाके कस्टम कॉलोनी में एसी कमरा नंबर डी दिया गया है. इनकी खातिरदारी के लिए दो ट्रेनर के साथ चार अन्य लोग 24 घंटे तैयार रहेंगे. दो डाक्टरों की टीम इनका खयाल रखेगी.
आप सोच रहे होंगे देश में कई बेरोजगार है जो काबिल होने के बाद भी नौकरी नहीं ढूंढ़ पा रहे और इन कुत्तों में ऐसी क्या खासियत है जो इन्हें इतनी अच्छी सैलरी और ये सुविधा दी जा रही है. हैरान ना हो ये दोनों कुत्ते जर्मन शेफर्ड है और इन्हें तस्करों से निपटने के लिए तैयार किया गया है. इन कुत्तो की परवरिश का विशेष ध्यान रखा जाता है इनकी उम्र लगभग चार साल होती है. जर्मन शेफर्ड के इन कुत्तों को डेड़ महीने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है इसके दौरान कुत्ते किस प्रकार नशीले पदार्थों को पकड़ पाते है किस तरह नशीले पदार्थो की गंध ये कुत्ते दो सौ मीटर से सूंघने की काबिलियत रखते हैं. इसी तरह विस्फोटक पदार्थ की गंध भी ये कुत्ते बहुत जल्दी सूंघ लेते हैं. इन कुत्तों को विभाग में एक रैंक से जाना जाएगा. यह रैंक एंटी स्मगलिंग एंड एंटी नारकोटिक्स सेल के इन्वेस्टीगेशन के एक हिस्से के बराबर होगा. इस प्रकार ये कुत्ते एक विशेष तंत्र के रुप में काम करेंगे.