क्या आपने कभी सुना है कि किसी के दिमाग़ की गंभीर सर्जरी चल रही हो और वो वायलिन बजाए.
नौ सितंबर को इसराइल के तेल अवीव के सौरास्की मेडिकल सेंटर में जब न्यूरोसर्जन नाओमी एलिशुव के दिमाग को छेड़ रहे थे तब वह वायलिन के तारों को छेड़ रही थीं.
सर्जरी सफल रही और नाओमी 20 साल बाद बग़ैर किसी परेशानी के वायलिन बजाने लगीं.
बीस साल पहले नाओमी एलिशुव एक पेशेवर वायलिनिस्ट हुआ करती थीं जो लिथुआना की नेशनल सिम्फ़नी ऑकेस्ट्रा में वायलिन वादक थीं.
लेकिन फिर उनके हाथ अनियंत्रित ढंग से कांपने लगे, जिससे संगीत का उनका करियर ख़त्म हो गया.
डीबीएस (डीप ब्रेन स्टिमुलेशन) या दिमाग़ के गंभीर ऑपरेशन के दौरान वाद्ययंत्र बजाने का शायद यह दुनिया का पहला मामला हो.
‘लौट रही है ज़िंदगी’
लेकिन इस साल की गर्मियों में नाओमी को पता चला कि दिमाग़ की सर्जरी इस कंपन को रोक सकती है.
फिर इस साल सौरास्की मेडिकल सेंटर में फ़ंक्शनल न्यूरोसर्जरी यूनिट के प्रमुख प्रोफ़ेसर यित्ज़ाक फ़्रायड और न्यूरोसर्जरी विभाग के स्टाफ़ न्यूरोसर्जन डॉक्टर इडू स्ट्रॉस ने उनका ऑपरेशन किया.
जब डॉक्टरों ने दिमाग़ में एक छोटा सा पेसमेकर लगाया तो उन्होंने नाओमी को वायलिन बजाने को कहा ताकि पता चल सके कि पेसमेकर सही जगह पर लगा है या नहीं.
डॉक्टरों के कहने पर जब एलिशुव ने वायलिन बजाया तो वो बग़ैर किसी दिक्कत के बजा.
एलिशुव ने कहा, "बहुत शर्म की बात है कि मैंने हाल ही में इस सर्जरी के बारे में सुना. अंततः मेरी ज़िंदगी लौट रही है."
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