चिकित्सा जगत में एक चमत्कार हुआ है. स्वीडन के गेटबोर्ग की एक महिला, जिसके गर्भाशय नहीं था, मां बनी है. प्रत्यारोपित गर्भाशय की मदद से. गर्भाशय उसकी 61 वर्षीय महिला मित्र ने डोनेट किया था.
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ‘लांसेट’ ने कहा कि प्रत्यारोपित गर्भाशय से जन्म लेनेवाला विंसेंट दुनिया का पहला शिशु है. उसकी मां को 15 वर्ष की उम्र में पता चला था कि गर्भाशय समस्या के कारण वह मां नहीं बन सकती, लेकिन 36 वर्ष की उम्र में वह मां बनी. डॉक्टरों का 10 वर्ष का प्रयास रंग लाया. हालांकि, डॉक्टर अभी संतुष्ट नहीं हैं.
32 सप्ताह में जन्मा शिशु
शिशु का नाम
विंसेंट अर्थात् विजेता
वजन
1.8 किलो (3.9 पाउंड)
ऐसी थी समस्या
जन्मजात या कैंसर के इलाज से गर्भाशय निष्क्रिय हो जाता है. सरोगेसी से ही कोई मां बन सकती है.
दो प्रयास विफल
प्रत्यारोपित गर्भाशय को सफल बनाने का तीसरा प्रयास था
पहली बार अंग निष्क्रिय हो गया और तीन महीने बाद इसे हटा देना पड़ा
दूसरी बार महिला का गर्भपात हो गया