विज्ञान की पत्रिका नैनोस्केल के मुताबिक़ ब्रेन कैंसर के इलाज में सोने के अति सूक्ष्म टुकड़े कारगर साबित हो सकते हैं.
वैज्ञानिकों ने बहुत छोटे सोने के गोले बनाए और कीमोथैरेपी की आम दवा सिस्प्लैटिन से उनका लेप किया.
वैज्ञानिकों ने इन सूक्ष्म गोलों का दिमाग़ की सर्जरी के दौरान निकाले गए ब्रेन ट्यूमर के सैंपलों पर प्रयोग किया.
इसके बाद कैंसर सेल्स की रेडियोथैरेपी की गई. रेडियोथैरेपी ने सोने के केंद्र में मौजूद इलेक्ट्रॉन्स को उत्तेजित कर दिया.
परीक्षण दो सालों में
इन उत्तेजित न्यूट्रॉन्स ने कैंसर के आनुवांशिक पदार्थ को खराब करने की प्रक्रिया शुरू कर दी.
इस प्रक्रिया से कीमोथैरेपी की प्रक्रिया भी शुरू हो गई जिससे सिस्प्लैटिन कमज़ोर ट्यूमर पर असर कर सकती थी.
बीस दिन बाद पता चला कि इस सैंपल से कैंसर कोशिकाएं ख़त्म हो गई थीं.
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि 2016 में इंसानों पर इसके परीक्षण शुरू हो पाएंगे और दूसरे तरह के ट्यूमरों पर इसके शुरुआती प्रयोग करने जा रहे हैं.
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