पपीता हर सीजन में मिलनेवाला फल है. अन्य फलों के मुकाबले यह सस्ता जरूर है, लेकिन गुणों के मामले में कहीं ज्यादा फायदेमंद है. इसमें प्रचुर मात्र में कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए आदि पौष्टिक तत्व होते हैं, जो कई रोगों को दूर रखने में सहायक हैं.
पपीता ऐसा फल है, जो कच्चा और पका हुआ दोनों ही रूपों में खाया जाता है. कच्चे फल को अधिकतर सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है. फल के रूप में ज्यादातर पका हुआ पपीता ही खाया जाता है. कहा जाता है कि पपीते की तुलना में शीघ्र लाभदायक और प्रभाव दिखानेवाला अन्य खाद्य पदार्थ शायद ही दूसरा कोई हो. स्वाद की दृष्टि से भी यह सभी को सहज ही पसंद आता है. पपीते में कैल्शियम भी प्रचुर मात्र में होता है, जो रक्त एवं तंतुओं के निर्माण एवं हृदय, नाड़ियों तथा मांसपेशियों की क्रियाओं को ठीक रखने में सहायक है. साथ ही इसमें विटामिन ए भी अच्छी मात्र में होता है, जो बच्चों के ग्रोथ में और उनमें रोगों से बचाव की क्षमता को बढ़ाने में सहायक है.
इसमें भरपूर पोषक तत्व
प्रचुर मात्र में विटामिन ए, बी और सी के साथ ही कुछ मात्र में विटामिन-डी भी मिलता है. इसमें कैल्शियम और कैरोटीन भी भरपूर मात्र में होता है. इसके अलावा फॉस्फोरस, पोटैशियम, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स, काबरेहाइड्रेट, प्रोटीन, सोडियम तथा अन्य खनिज-लवण भी मौजूद रहते हैं, जो स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक होते हैं. 100 ग्राम पपीते में 98 कैलोरी, 1-2 ग्राम प्रोटीन, 1-2 ग्राम रेशे तथा 70 मिग्रा लोहा होता है. इन्हीं गुणों के कारण इसे स्वास्थ्य के लिए सबसे लाभदायक फलों में से एक माना जाता है.
कच्चे पपीते का लाभ
कच्चे पपीते में पपाइन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो आहार को पचाने में अत्यंत मददगार साबित होता है. इसमें दस्त और पेशाब की समस्या को दूर करने का गुण है. जिन लोगों को कब्ज की शिकायत हमेशा बनी रहती है, उन्हें पपीते का नियमित सेवन करना चाहिए.
पके पपीते के फायदे
सुबह नाश्ते में पका हुआ पपीता खाना स्वास्थ्यवद्र्वक माना जाता है. इसका गूदा पेय, जैम और जेली बनाने में प्रयोग किया जाता है. कच्चे पपीते की सब्जी, टिक्की और चटनी अत्यंत स्वादिष्ट और गुणकारी होती है. लौकी के हलवे की तरह पपीते का हलवा भी बनाया जा सकता है. पपीता नेत्र रोगों में हितकारी होता है, क्योंकि इसमें विटामिन ए प्रचुर मात्र में पाया जाता है, इसके सेवन से रतौंधी (रात को न दिखाई देना) रोग का निवारण होता है और आंखों की ज्योति बढ़ती है. पपीता फाइबर का अच्छा स्नेत है. इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी, कैंसर रोधी और हीलिंग प्रॉपर्टीज भी होती हैं.
बातचीत : विनीता झा
पपीते से घरेलू उपचार
इससे पेट की परेशानियां दूर होती हैं. जिन लोगों को किडनी की तकलीफ होती है, उन्हें रोज पपीता खाना चाहिए.
अगर पेट में कीड़े हों, तो कच्चे पपीते का जूस फायदा करता है. इसे दिन में दो बार पीने से कीड़े खत्म होने लगेंगे.
सेंधा नमक, जीरा और नींबू का रस मिला कर पपीते का नियमित सेवन करने से मंदाग्नि, कब्ज, अजीर्ण तथा आंतों की सूजन में काफी लाभ होता है.
महिलाओं के लिए पपीते का रस बहुत लाभकारी होता है. इससे उनका बांझपन दूर होता है. लेकिन गर्भावस्था के दौरान पपीता बहुत हानिकारक होता है, क्योंकि इसकी तासीर बहुत गरम होती है.
पपीते की पत्तियां भी रामबाण की तरह काम करती हंै, यह कैंसर को दूर करने में सहायक होती हैं.
पपीता वजन कम करने में भी काम आता है.
पपीते में कैल्शियम भी खूब मिलता है. इसलिए यह हड्डियां मजबूत बनाता है. साथ ही यह प्रोटीन को पचाने में सहायक होता है.
नीरज मेहता
फिटनेस प्रोफेशनल न्यूट्रिशनिस्ट, निर्देशक जीएफएफआइ फिटनेस एकेडमी, दिल्ली