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‘बीबीसी जैसे निडर बनें दूरदर्शन, आकाशवाणी’

राजेश जोशी बीबीसी संवाददाता सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर चाहते हैं कि आकाशवाणी और दूरदर्शन बीबीसी की तरह ‘निर्भीक’ बने. बीबीसी हिंदी रेडियो से एक ख़ास मुलाक़ात में उन्होंने कहा, "जैसे बीबीसी निर्भीक होकर और प्रोफ़ेशनली चलता है वैसे ही दूरदर्शन भी चले और लोगों की पसंद बने." जावड़ेकर ने कहा कि प्रसार भारती […]

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर चाहते हैं कि आकाशवाणी और दूरदर्शन बीबीसी की तरह ‘निर्भीक’ बने.

बीबीसी हिंदी रेडियो से एक ख़ास मुलाक़ात में उन्होंने कहा, "जैसे बीबीसी निर्भीक होकर और प्रोफ़ेशनली चलता है वैसे ही दूरदर्शन भी चले और लोगों की पसंद बने."

जावड़ेकर ने कहा कि प्रसार भारती को सरकार पैसा ज़रूर देती है लेकिन यह एक स्वायत्त संस्था है.

उन्होंने कहा, "मैंने कई बार बीबीसी के मॉडल की बात कही है. वहां भी सरकार लोगों से पैसा इकट्ठा करके बीबीसी को देती है. लेकिन जैसे बीबीसी निर्भीक होकर और प्रोफ़ेशनली चलता है, वैसे ही दूरदर्शन भी चले और लोगों की पसंद बने."

एफ़एम पर समाचार

जावड़ेकर ने प्रसार भारती को ‘वास्तविक’ स्वतंत्रता देने का वादा करते हुए कहा, "प्रसार भारती बोर्ड की नियुक्ति जल्दी होगी और आप देखेंगे कि सही रूप में स्वायत्तता क्या होती है. आप यह न समझें कि जैसे कांग्रेस के राज में चल रहा था वैसा ही चलेगा."

सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि सरकार पहली बार एफ़एम पर समाचार प्रसारित करने की इजाज़त देने जा रही है. उन्होंने कहा कि एफएम पर न्यूज़ नई बात है.

भारत में इस समय क़रीब आठ सौ चैनल हैं और जावड़ेकर के अनुसार इनकी संख्या और अधिक हो सकती है, "हम आठ सौ स्टेशनों को केंद्र से मॉनीटर नहीं करना चाहते. यह अनावश्यक बंधन है. शुरुआत में हमने कहा है कि आप आकाशवाणी के न्यूज़ बुलेटिन ले सकते हैं."

विकास और पर्यावरण

सूचना प्रसारण मंत्रालय के अलावा प्रकाश जावड़ेकर वन और पर्यावरण मंत्री भी हैं. पर्यावरण बनाम विकास की बहस पर उन्होंने कहा कि विकास और जंगल की रक्षा एक दूसरे के विरोध में नहीं है.

उन्होंने कहा, "हम साबित कर देंगे कि विकास भी होगा और जंगल की रक्षा भी होगी. कुछ लोग अपने तय एजेंडे के तहत, जानबूझकर दुष्प्रचार करना चाहते हैं. हमारा काम है एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में पर्यावरण रक्षा का एजेंडा."

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