इराक़ में फंसी 46 भारतीय नर्सें सही सलामत अपने घर कोच्चि पहुंच गईं हैं.
भारत का विशेष विमान इन नर्सों को लेकर शनिवार सुबह नौ बजे के आस-पास मुंबई पहुंचा. फिर से वहां कोच्चि के लिए रवाना हुआ. दोपहर 12 बजे के आस-पास विमान कोच्चि पहुंचा. कोच्चि हवाई अड्डे पर राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चैंडी ने उनका स्वागत किया.
शुक्रवार शाम विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अक़बरुद्दीन ने कहा था कि नर्सें, शुक्रवार रात को इरबिल से भारत सरकार के विशेष विमान से भारत के लिए रवाना होंगी.
लेकिन कुछ छोटी-मोटी दिक़्क़तों के कारण भारतीय हवाई जहाज़ इरबिल से भारतीय समयानुसार शनिवार को सुबह लगभग चार बजे भारत के लिए रवाना हुआ.
एक नर्स श्रुति की बहन कृति ने बीबीसी से बातचीत में कहा, ”हम बहुत ख़ुश हैं. हमें तो यक़ीन ही नहीं हो रहा कि वो वापस आ रही है.”
इससे पहले गुरुवार को इस्लामी चरमपंथी गुट आईएसआईएस नर्सों को तिकरित से ज़बरदस्ती हटाकर किसी दूसरे ठिकाने पर ले गए थे. बाद में उन्हें छोड़े जाने की ख़बर आई.
इंतज़ार अभी बाकी
नर्सों के अलावा इराक़ में काम कर रहे लगभग 100 दूसरे भारतीय भी उसी जहाज़ में भारत आए.
बीबीसी संवाददाता विवेक राज से बातचीत में किरकुक में कार्यरत अमिताभ सिंह ने बताया, "हमें भारत से आए सात महीने हो चुके हैं. यहां तनख़्वाह और खाने-पीने की बहुत दिक़्क़त थी. हम अपने आस-पास बम धमाकों की आवाज़े सुनते थे और धुंआ देखते थे. हम डर गए थे. इसलिए अपनी जान बचाने के लिए हम घर जा रहे हैं."
अमिताभ और उनके साथी सही-सलामत घर वापस लौटने से ख़ुश हैं और कहते हैं कि अब वे कभी भी इराक़ वापस काम करने नहीं जाएंगे.
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