<p>जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजों में लेफ़्ट के संयुक्त मोर्चे ने बाज़ी मारी है. </p><p>रविवार को चुनाव समिति ने परिणाम घोषित करते हुए सेंट्रल पैनल के चारों पदों पर आइसा, एसएफ़आई, एआईएसएफ़, डीएसएफ़ के संयुक्त मोर्च को उम्मीदवारों को विजयी घोषित किया.</p><p>समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मोर्चे की ओर से अध्यक्ष पद पर एन. साई बालाजी, उपाध्यक्ष पद पर सारिका चौधरी, सचिव पद पर एजाज अहमद और संयुक्त सचिव पद पर अमुथा ने जीत हासिल की है.</p><p>लेफ़्ट के संयुक्त मोर्चे के अलावा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ़ इंडिया यानी एनएसयूआई, बिसरा-आंबेडकर-फूले स्टूडेंट्स एसोसिएशन, और छात्र आरजेडी ने भी अध्यक्ष पद पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. </p><p>शुक्रवार को छात्रसंघ चुनावों के लिए मतदान हुआ था. अनुमान लगाया गया था कि छह सालों में पहले बार 67.8 फ़ीसदी मतदान हुआ. इस दौरान 5,000 से अधिक छात्रों ने अपना वोट डाला.</p><p>आमतौर पर मतदान के बाद तुरंत मतगणना शुरू हो जाती है, लेकिन शनिवार को छात्र दलों की आपत्ति के बाद काफ़ी समय के लिए मतगणना रोकी गई थी. </p><p>एबीवीपी ने इस बार किसी भी सीट पर जीत दर्ज नहीं की है, लेकिन वह हर सीट पर दूसरे नंबर पर रही. जेएनयू में छात्रसंघ चुनावों को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफ़ी चर्चाएं होती रहीं.</p><p>अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने शनिवार को मतगणना रोके जाने के बाद एक ट्वीट किया जिसमें एबीवीपी की कथित हिंसा के बाद लेफ़्ट के संयुक्त मोर्चे के समर्थक प्रदर्शन कर रहे थे.</p><p>स्वरा ने चुनाव परिणामों के बाद संयुक्त मोर्चे की जीत के जश्न का वीडियो ट्वीट किया. उन्होंने इसे क्लीन स्वीप बताते हुए कहा कि जेएनयू छात्रसंघ चुनावों में काउंसिलर के 30 में से 25 पदों पर भी संयुक्त मोर्चे ने जीत दर्ज की है जबकि एबीवीपी ने तीन, एनएसयूआई और बाप्सा ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की है.</p><p><a href="https://twitter.com/ReallySwara/status/1041275232546283521">https://twitter.com/ReallySwara/status/1041275232546283521</a></p><p>हालांकि, चर्चित शख़्सियत के अलावा आम लोग भी छात्रसंघ चुनावों के परिणामों पर ट्वीट करते नज़र आए.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-43001881">जेएनयू के ‘देशद्रोहियों’ से ऐसे निपट रही है सरकार?</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45464912">BBC SPECIAL: कम्युनिस्ट पार्टियों की लीडरशिप में कहां है दलित?</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45170307">उसने मेरी तरफ़ पिस्टल तानी तो मैं काफ़ी डर गया था: उमर ख़ालिद</a></li> </ul><p>प्रणब चक्रबर्ती ने ट्वीट किया, "मोदी का स्वच्छ भारत जेएनयू से शुरू. संगठित होकर हम आसानी से बीजेपी को हरा सकते हैं."</p><p><a href="https://twitter.com/PranabC74013869/status/1041295129452204032">https://twitter.com/PranabC74013869/status/1041295129452204032</a></p><p>बैलेट से वोटिंग पर भी लोगों ने ट्वीट किए. अभिषेक शर्मा ने जेएनयू में जीत के लिए बैलेट पेपर को ज़िम्मेदार बताया.</p><p><a href="https://twitter.com/pAbhishekSharma/status/1041294794641727488">https://twitter.com/pAbhishekSharma/status/1041294794641727488</a></p><p>वहीं, भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े अनूप पवार ने ट्वीट किया, "संघर्ष हमारा जारी रहेगा. जेएनयू छात्रों द्वारा दिया गया फ़ैसला हमें स्वीकार है और हमें कैंपस में इकलौता सबसे बड़ा संगठन बनाने के लिए धन्यवाद. हम जेएनयू कैंपस में रचनात्मक विपक्ष बने रहेंगे और छात्र अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे."</p><p><a href="https://twitter.com/AnoopPawar11/status/1041298964870516736">https://twitter.com/AnoopPawar11/status/1041298964870516736</a></p><hr /> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45519894">जेएनयू छात्र संघ चुनाव का LGBTQI चेहरा</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45179601">विवादों के आईने में जेएनयू छात्र उमर ख़ालिद</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44232065">जेएनयू में ‘इस्लामी चरमपंथ’ कोर्स की क्या है हक़ीक़त?</a></li> </ul><hr /><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
सोशल: ‘मोदी का स्वच्छ भारत जेएनयू से शुरू हो चुका है’
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