शनिवार और रविवार के दिन कानपुर नगर और कानपुर देहात के कई लोगों के लिए जानलेवा साबित हुए और कई घरों में अभी भी मातम पसरा हुआ है. वजह थी शराब.
हालांकि इन लोगों ने शराब सरकारी ठेके से ही ख़रीदी थी लेकिन सरकारी शराब भी ज़हरीली निकल सकती है, शायद इसका अंदाज़ा इन्हें नहीं था.
शनिवार को छह लोगों की मौत कानपुर नगर के सचेंडी इलाक़े में और रविवार को छह लोगों की मौत कानपुर देहात के रूरा क्षेत्र में हुई.
कई लोग गंभीर रूप से बीमार हैं और उनमें से ज़्यादातर को कानपुर के हैलट अस्पताल में दाख़िल कराया गया है. पुलिस ने फ़िलहाल चार लोगों को गिरफ़्तार किया है जिनमें मुख्य अभियुक्त विनय सिंह भी शामिल हैं.
सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और बीमार लोगों को पचास हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है. रविवार को हैलट अस्पताल पहुंचे उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा.
लोकल ब्रैंड की शराब का नेटवर्क
कानपुर नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार का कहना था कि मामले की कई स्तर पर जांच की जा रही है और दोषियों के ख़िलाफ़ गैंगस्टर ऐक्ट जैसी धाराओं में भी कार्रवाई हो सकती है.
बताया जा रहा है कि मुख्य अभियुक्त की लोकल ब्रैंड की शराब का नेटवर्क कानपुर और पड़ोसी ज़िलों में फैला हुआ है. एसएसपी कुमार का कहना था कि इसमें आबकारी विभाग के कर्मचारियों और पुलिस की मिलीभगत के एंगल से भी जांच की जा रही है.
कानपुर नगर में सचेंडी इलाक़े के हेतपुर गांव के रहने वाले दिवाकर का कहना था, "मैं शनिवार की सुबह ऑफ़िस जा रहा था तब तक देखा कि मेरे एक पड़ोसी अचानक बीमार हो गए हैं. उन्हें जब तक अस्पताल पहुंचाया जाता तब तक कई लोगों के उसी तरह से बीमार होने की बात पता चली. बाद में मालूम हुआ कि सभी लोगों ने एक ही दुकान से शराब लेकर पी थी."
स्थानीय लोगों की मानें तो रुरा थाना क्षेत्र के मंडौली गांव में देसी शराब की दुकान से पिछले दो-तीन दिनों से ‘गड़बड़’ शराब बेचने की शिकायतें मिल रही थीं.
शुक्रवार रात शराब पीने के बाद कई लोगों को पेट में जलन और दर्द के बाद मुंह से खून आने लगा. कुछ लोगों ने तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया जबकि कुछ की मौत अस्पताल में हो गई.
कई ज़िलों में बिकती है ऐसी शराब
कानपुर के ज़िलाधिकारी सुरेंद्र सिंह के मुताबिक ये घटनाएं जहां हुई हैं वो दो अलग-अलग ज़िलों में भले ही आते हों लेकिन दोनों गांवों की दूरी सिर्फ सात किमी. है. उन्होंने बताया कि इस लोकल ब्रैंड की शराब न सिर्फ़ कानपुर नगर और कानपुर देहात, बल्कि और भी कई ज़िलों में ख़रीदी जाती है.
लापरवाही के आरोप में कानपुर क्षेत्रीय आबकारी अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है जबकि दुकानदार के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है.
बताया जा रहा है कि दुकानदार एक पूर्व विधायक के क़रीबी हैं और लंबे समय से इस दुकान का ठेका उन्हीं के पास है. कानपुर के मंडलायुक्त ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
घटना से गुस्साए लोगों ने दोनों जगह हंगामा किया जबकि पकड़े जाने की आशंका में दुकानदार ने सैकड़ों लीटर शराब खेतों में बहा दी. इलाक़े के लोगों का आरोप है कि पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से अवैध शराब का कारोबार लंबे समय से हो रहा है.
इसी साल जनवरी महीने में बाराबंकी के देवा क्षेत्र में भी जहरीली स्प्रिट पीने से 12 लोगों की मौत हो गई थी.
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