बीजिंग : चीन बीते कुछ दिनों से लगातार भारत पर दबाव बनाये हुए है. चीन की सरकारी मीडिया के बादकलशामभारत में उसके राजदूतने भी कहा कि गेंद अब भारत के पाले में कि उसे क्या करना है. वह डोका ला इलाके से भारत को अपनी सेना हटाने के लिए दबाव बनाये हुए है. भूटान के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में वह सड़क बना रहा है, जिसका भूटान व भारत की सेना विरोध कर रही है. जबकि चीन इसे तिब्बत का हिस्सा बताते हुए अपना क्षेत्र बता रहा है. अबआज चीन ने कहा कि वह सिक्किम सेक्टर में सीमा पर तनातनी के बाद सुरक्षा हालात के आधार पर अपने नागरिकों के लिए यात्रा चेतावनी जारी करने के अपने विकल्पों पर विचार कर रहा है.
अखबार ने लिखा कि डोका ला इलाका में तीसरे सप्ताह भी गतिरोध जारी है और भारत को ‘ ‘कड़ा सबक ‘ ‘ सिखाना चाहिए. उसने यह भी दावा किया कि चीनी लोग भारत के ‘ ‘उकसावे ‘ ‘ से आहत हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘ ‘चीन सरकार संबंधित देशों के सुरक्षा हालात के अनुरूप विदेशों में चीनी नागरिकों की सुरक्षा एवं कानूनी अधिकार तथा हितों को बेहद महत्व देती है. ‘ ‘
उन्होंने चीनी मीडिया में आए भारत में चीनी निवेशकों को आगाह करने वाले लेखों से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘ ‘हम फैसला करेंगे कि यात्रा संबंधी चेतावनी जारी की जाए या नहीं.’ ‘ कल एक शीर्ष सरकारी अखबार ने भारत में काम कर रही चीनी कंपनियों से सावधान रहने और चीनी विरोधी भावनाओं का शिकार होने से बचने के लिए कदम उठाने को कहा था.
ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में चीनी कंपनियों से तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारत में अपना निवेश घटाने को कहा गया.
छह जून कोशुरू हुई तनातनी के बाद से चीनी मीडिया में आए कई लेखों में सीमा पर तनाव बढने के लिए भारत को दोषी ठहराया गया और भारतीय सेना को 1962 के युद्ध की ‘ ‘याद ‘ ‘ दिलायी गयी.