वाशिंगटनः अफगानिस्तान में तालिबान के मजबूत होने की बात स्वीकार करते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा है कि अमेरिका फिलहाल इस युद्धरत देश में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध नहीं जीत रहा है. मैटिस ने सीनेट की सैन्य सेवा समिति के समक्ष मंगलवार को यह बात कही. इस समिति की अध्यक्षता सीनेटर जॉन मैकेन ने की, जो ट्रंप प्रशासन की आलोचना करते हैं कि सत्ता में आने के छह माह बाद भी प्रशासन अफगानिस्तान के लिए नीति लेकर नहीं आ पाया है.
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मैटिस ने कहा कि तालिबान के लिए पिछला साल अच्छा रहा और वे इस कोशिश में हैं कि यह साल भी अच्छा रहे. मुझे लगता है कि हमारे अभियानों के कुछ सिद्धांतों में बदलाव करके हम अफगानिस्तान को हवाई सहयोग दे सकते हैं. इससे दुश्मन की स्थिति कमजोर होगी. फिलहाल, मेरा मानना यही है कि दुश्मन मजबूत हो रहा है. मैकेन ने इस बात पर नाराजगी जतायी कि अमेरिकी सैनिकों के तमाम बलिदानों के बावजूद अफगानिस्तान आज भी युद्धरत है.
उन्होंने कहा कि इस प्रशासन को आये छह माह हो चुके हैं और हमारे पास अब तक अफगानिस्तान के लिए कोई रणनीति नहीं है. कोई रणनीति न होने की स्थिति में हमारे लिए आपको सहयोग देना मुश्किल हो रहा है. मैटिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि मौजूदा प्रशासन जुलाई के मध्य तक उन्हें अफगानिस्तान से जुड़ी नीति के बारे में सूचित करेगा.
ट्रंप ने पेंटागन को दिया अफगानिस्तान में सैनिकों की संख्या तय करने का अधिकार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड टंप ने अफगानिस्तान में सैनिकों की संख्या तय करने का अधिकार पेंटागन को दे दिया है. इस कदम से अफगानिस्तान में हजारों सैनिकों की तैनाती हो सकती है. अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि पेंटागन प्रमुख जिम मैटिस अब सीधे तौर पर सैनिकों की संख्या को घटा-बढ़ा सकते हैं. हालांकि, अधिकारी ने यह पुष्टि नहीं की है कि क्या नये बल प्रबंधन स्तर को अंतिम रूप दिया गया है, जो फिलहाल 8,400 है.
इराक-सीरिया में सैनिकों की तैनाती तय करते हैं रक्षा मंत्री
मैटिस ने कहा कि व्हाइट हाउस ने ऐसा ही इराक और सीरिया में किया है. रक्षा मंत्री को वहां भी सैनिकों की संख्या तय करने का अधिकार दिया गया है. अधिकारी ने यह बात दोनों देशों में इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए हाल में ट्रंप द्वारा सैनिकों संख्या को निर्धारित करने को मंजूरी देने वाले फैसले का हवाला देते हुए कही. बराक ओबामा के शासनकाल में व्हाइट हाउस अफगानिस्तान, इराक और सीरिया में सैनिकों की संख्या का प्रबंधन करता था और कमांडरों ने शिकायत की थी कि उन्हें अपने हाथ बंधे हुए लगते हैं. यह घटनाक्रम मैटिस के सांसदों के सामने लंबा बयान देने के कुछ घंटों बाद हुआ है, जिसमें कुछ ने पूछा था कि ट्रंप को अफगानिस्तान पर नयी रणनीति बनाने में कितना वक्त लगेगा.