कोलकाता, अमित शर्मा : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) और राज्य पुलिस द्वारा नदिया स्थित भारत-बांग्लादेश सीमा ( India-Bangladesh border) से सटे इलाकों में दो दिनों तक चलाये गये संयुक्त अभियान के दौरान सोने के 26 बिस्कुटों, सोने के आठ कंगनों, एक पिस्टल, तीन कारतूस, फेंसिडील की 69 बोतलें और लगभग दो किलोग्राम गांजा जब्त किये गये हैं. अभियान के दौरान आठ तस्करों की भी गिरफ्तारी हुई है, जिनमें पांच महिलाएं हैं. उनके नाम अमित विश्वास, अर्चना घोष, सुमित्रा खां, सुमन विश्वास, जयश्री प्रमाणिक, रीता प्रमाणिक, विमल विश्वास, और सुभद्रा विश्वास हैं, सभी नदिया के विजयपुर गांव के निवासी हैं. जब्त किये गये सोने का वजन लगभग 3.52 किलोग्राम है, जिनकी कीमत करीब 2.18 करोड़ रुपये आंकी गयी है. गिरफ्तार किये गये तस्कर सोने और पिस्टल को बांग्लादेश से भारत में तस्करी कर लाये थे, जबकि फेंसिडील व गांजा को बांग्लादेश में तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे.
गत 30 नवंबर को बीएसएफ की 32वीं बटालियन को मुखबिरों से पता चला था कि भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे गांव विजयपुर इलाके में बड़े परिमाण में सोना बांग्लादेश से तस्करी कर लाया गया है. इस जानकारी को बीएसएफ ने डीआरआइ और कृष्णागंज थाने की पुलिस से साझा किया, जिसके बाद विजयपुर इलाके में संयुक्त अभियान चलाया गया. अभियान के दौरान सीमावर्ती गांव स्थित एक मकान में छापा मारा गया, जहां से सोने के 24 बिस्कुटों और आठ कंगनों को जब्त किया गया. मौके से अमित विश्वास और दो महिलाएं अर्चना घोष व सुमित्रा खां को गिरफ्तार किया गया. अभियान रात में भी जारी रहा और इस दौरान सुमन विश्वास नामक एक शख्स को घर से भागने की कोशिश में सोने के दो बिस्कुटों के साथ दबोच लिया गया.
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जब्त किये गये सोने व चार तस्करों को डीआरआइ (कोलकाता) के हवाले कर दिया गया है, जबकि पिस्टल, मैगजीन, कारतूस, फेंसिडील और चार अन्य आरोपियों को कृष्णागंज थाने को सौंप दिया गया है. बीएसएफ (साउथ बंगाल फ्रंटियर) के डीआइजी एके आर्य ने बताया कि सीमा पार होने वाली तस्करी को रोकने के लिए विभिन्न एजेंसियां आपस में एक-दूसरे के साथ सूचनाएं साझा करती हैं तथा उसके आधार पर अभियान चलाकर अपराधियों को पकड़ने की कोशिश करती है. उन्होंने कहा कि तस्करों का गिरोह अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में रहने वाले गरीब और भोले-भाले लोगों को पैसों का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं और अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए उनका इस्तेमाल करते हैं. तस्करों के खिलाफ बीएसएफ का अभियान जारी रहेगा.
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