नयी दिल्ली : गूगल के भारतीय मूल के अधिकारी सुंदर पिचाई गूगल के ऐसे अधिकारी हैं, जिनको जाने से रोकने के लिए गुगल को 305 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े. सुंदर पिचाई गूगल को साल 2004 में ज्वाईन किये थे . लेकिन, जब वर्ष 2011 में व्हाट्सअप ने पिचाई को अपने यहां नौकरी का ऑफर दिया तो उनके इस्तीफे के बाद गूगल ने उन्हें मनाने के लिए भारी -भरकम रकम की ऑफर पेश की.
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ये है गूगल के भारतीय मूल के अधिकारी, जिन्हें रोकने के लिए गूगल को खर्च करने पड़े 305 करोड़ रुपये
नयी दिल्ली : गूगल के भारतीय मूल के अधिकारी सुंदर पिचाई गूगल के ऐसे अधिकारी हैं, जिनको जाने से रोकने के लिए गुगल को 305 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े. सुंदर पिचाई गूगल को साल 2004 में ज्वाईन किये थे . लेकिन, जब वर्ष 2011 में व्हाट्सअप ने पिचाई को अपने यहां नौकरी का ऑफर […]
गूगल ने उन्हें 305 करोड़ रुपये में फिर से अपने यहां रुकने का डील फाइनल किया. इसी बात से समझा जा सकता है कि गूगल के नजर में सुंदर पिचाई की कितनी अहमियत है.
तामिलनाडु के रहने वाले सुंदर पिचाई ने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनयरिंग की डिग्री प्राप्त की थी . 42 वर्षीय पिचाई को गूगल के मुख्य सेवाओं का इंचार्ज बनाया गया है. उसमे गूगल सर्च और एडवर्टाइजिंग अह्म थे. सुंदर पिचाई का असली नाम पिचाई सुंदरराजन है.
गूगल से जुड़ने के बाद उन्हें कई नयी जिम्मेदारी सौंपी गई, वे क्रोम, क्रोम ओएस और गूगल एप्स बिजनेस का काम संभाल रहे है. पिचाई ने कई महत्वपूर्ण प्रोडक्ट को इनोवेट किया है. अक्तूबर में वो कंपनी के नए प्रोडक्ट चीफ बने.
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