नयी दिल्ली : बच्चे 1980-90 के दशक में माता-पिता तथा दादी-दादी या नाना-नानी से राम की वीरता, तेनाली राम की समझदारी तथा पंचतंत्र की कहानियां सुना करते थे. बड़ों के जीवन की आपाधापी में और सिकुड़ते परिवारों के बीच आज के बच्चे उस सानिध्य सुख से वंचित होने लगे हैं. डिजिटल युग में इसका समाधान करने के लिए कहानी सुनाने वाला खिलौना नियो पेश किया गया है, जो एप आधारित है.
सोशल टॉयज के सह-संस्थापक अमित देशपांडे ने कहा कि यह माता-पिता को छोटे बच्चों को अपनी आवाज में कहानियां सुनने की अनुमति देता है. जरूरी नहीं कि वे अपने बच्चों के पास बैठे ही हों. इस एप का इस्तेमाल करके अभिभावक कहानियों को रिकॉर्ड कर सकते हैं और उसे इंटरनेट के जरिये ‘नियो ‘ पर भेज सकते हैं और बच्चे अपनी इच्छा के अनुसार जब चाहे उन्हें सुन सकते हैं. दरअसल ‘नियो ‘ राक्षस की शक्ल का खिलौना है.