27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Fight Against CoVID19: कोरोना वाले कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप्स के बारे में दिलचस्प रिपोर्ट आयी है, पढ़ें

COVID-19, Indian Journal of Medical Research, Aarogya Setu app, coronavirus, india fights corona, mobile application: 'इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च' (आईजेएमआर) में ऑनलाइन प्रकाशित अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क का पता लगाने के लिए एक एकल मोबाइल ऐप को सामूहिक रूप से डाउनलोड करें. यह अध्ययन दिल्ली स्थित जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ, गूगल प्ले और ऐपल ऐप स्टोर के शोधार्थियों द्वारा किया गया है. इसमें 'कोविड-19', 'कोरोना वायरस' और 'महामारी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके खोज की गयी.

COVID-19, Indian Journal of Medical Research, Aarogya Setu app, Coronavirus: एक अध्ययन में कहा गया है कि अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों और लोक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए व्यापक मोबाइल स्वास्थ्य समाधान विकसित करके कोविड-19 के खिलाफ देश के संघर्ष को मजबूत किया जा सकता है. अध्ययन में जोर दिया गया है कि बीमारी पर निगरानी रखने के लिए जरूरी होने पर ही हस्तक्षेप किया जाए और वह भी कम से कम.

‘इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ (आईजेएमआर) में ऑनलाइन प्रकाशित अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क का पता लगाने के लिए एक एकल मोबाइल ऐप को सामूहिक रूप से डाउनलोड करें. यह अध्ययन दिल्ली स्थित जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ, गूगल प्ले और ऐपल ऐप स्टोर के शोधार्थियों द्वारा किया गया है. इसमें ‘कोविड-19’, ‘कोरोना वायरस’ और ‘महामारी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके खोज की गयी. इसके अलावा, ‘भारत में कोविड-19 मोबाइल ऐप’ शब्द का इस्तेमाल करके कोविड-19 से संबंधित विभिन्न ऐप की भी खोज की गयी.

Also Read: Aarogya Setu App हुआ ओपन सोर्स, खामी निकालने वाले को मिलेगा 1 लाख रुपये का इनाम

अध्ययन के मुताबिक, यह खोज अप्रैल के पहले हफ्ते में की गयी थी और तीन मई को इसे अपडेट किया गया. इसने बताया कि चयनित विभिन्न ऐप की समीक्षा, महामारी निगरानी पर सामग्री और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के आधार पर कोविड-19 संबंधित विभिन्न ऐप की एक सूची बनायी गयी.

अध्ययन में कहा गया है कि भारत में आम जनता, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य प्रणाली प्रबंधकों और डेटा सेवा ऐप की श्रेणियों के तहत ऐप के कार्यों को वर्गीकृत करने के लिए ‘डिजिटल हेल्थ इंटरवेंशन’ पर डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देश का भी उपयोग किया गया.

Also Read: Top Android iOS Apps: लॉकडाउन खत्म होने के बाद आपके फोन में जरूर होने चाहिए ये यूजफुल ऐप्स

अध्ययन के दौरान शोधार्थियों ने पाया कि केंद्र समेत विभिन्न सरकारों ने इस संकट से निपटने के लिए मोबाइल ऐप विकसित करने के लिए निवेश किया है. इसमें कहा गया है कि खोज में 346 संभावित कोविड-19 ऐप मिले, जिनमें से 50 समावेश के मापदंड को पूरा करते हैं. इनके आधार पर निवारक उपायों से संबंधित जानकारी का प्रसार और कोरेंटिन में भेजे गये व्यक्ति की गतिविधि पर नजर रखने को लेकर क्रमशः 27 और 19 ऐप हैं.

अध्ययन में आठ ऐप संपर्क और हॉटस्पॉट का पता लगाने से संबंधित हैं. इसमें बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय उपाय किये हैं. यह ऐप फिलहाल 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है. शोधार्थियों ने कहा कि साक्ष्य बताते हैं कि डिजिटल माध्यम से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले का पता लगाने के प्रयास को प्रभावी बनाने के लिए 70 फीसदी आबादी को एप्प डाउनलोड करना चाहिए.

निजता के संबंध में अध्ययन कहता है कि बीमारी के प्रसार के हॉटस्पॉट को चिह्नित करने के लिए स्थान की जानकारी लेनी जरूरी है, लेकिन निजता विशेषज्ञ व्यक्ति की निजता और राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे को लेकर चिंतित हैं. अध्ययन में बताया गया है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सिंगापुर और इजरायल ने स्वतंत्र ऑडिट के लिए शोधकर्ताओं के साथ अपनाये ऐप स्रोत कोड साझा किये. भारत में डेटा सुरक्षा कानून की अनुपस्थिति के कारण केंद्र और राज्य सरकारों को लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए इन निजता संबंधित चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता है, जिससे इन ऐप को बड़े पैमाने पर डाउनलोड किया सके.

Also Read: How To Install Aarogya Setu App: जानिए कैसे आपको कोरोना से अलर्ट करता है आरोग्य सेतु ऐप

Posted By – Rajeev Kumar

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें