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MSME Loan लेना हुआ आसान, इन बैंक ने लॉच किया स्पेशल एप, झट से मिलेगा पैसा, जानें क्या है पूरा प्रोसेस

MSME Loan: सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने कहा कि उसने जीएसटी सहाय योजना पर आधारित एक मोबाइल एप्लिकेशन पेश किया है. इसके जरिये जीएसटी चालान का उपयोग करके ऋण दिया जा सकता है.

MSME Loan लोन को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा लगातार कई नियम बनाये गए हैं. भारत सरकार निवेशकों को एमएसएमई लोन इस क्षेत्र में रोजगार उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसे लेकर हाल ही में, रिजर्व बैंक के द्वारा बयान दिया गया है. अब इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पीएमबी बैंक ने MSME Loan के लिए नया एप जारी कर दिया है. सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने कहा कि उसने जीएसटी सहाय योजना पर आधारित एक मोबाइल एप्लिकेशन पेश किया है. इसके जरिये जीएसटी चालान का उपयोग करके ऋण दिया जा सकता है. बैंक ने एक बयान में कहा, इस एकीकरण के साथ, पीएनबी जीएसटी चालान का उपयोग कर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) को कर्ज लेने की आसान सुविधा देने वाला पहला सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन गया है. यह पहल देश में एमएसएमई क्षेत्र और डिजिटल कर्ज परिवेश के विकास को आगे बढ़ाने की बैंक की रणनीति के अनुरूप भी है.

पंजाब नेशनल बैंक के एप से मिलेगा लोन

पंजाब नेशनल बैंक ने अपने बयान में कहा गया है कि पीएनबी जीएसटी सहाय ऐप पूरी ऋण प्रक्रिया को डिजिटल बनाता है और उधारकर्ताओं के लिए किसी भी मानवीय हस्तक्षेप को खत्म करने में मदद करता है. इसमें प्रक्रिया अधिक लागत प्रभावी, तेज और सुचारू है. इस सेवा के माध्यम से, ऋण राशि सीधे बैंक में उधारकर्ता के चालू खाते में जमा की जाएगी. पीएनबी जीएसटी सहाय ऐप पेश किये जाने के मौके पर बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) अतुल कुमार गोयल ने कहा कि हमारा बैंक शीर्ष उद्योगपतियों के साथ-साथ जनता की सेवा करने और गैर-कॉरपोरेट/कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र के एमएसएमई को छोटी राशि के ऋण प्रदान करने में अगुवा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि पीएनबी जीएसटी सहाय ऐप आवेदक/उधारकर्ता और बैंक के बीच दूरी को पाटेगा.

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बैंक ऋण देने कतरा रहे: आरबीआई

चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को बैंक ऋण वृद्धि में सालाना आधार पर गिरावट आई है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों में यह बात कही गई. एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े लोगों ने कहा कि जोखिम से बचने की प्रवृत्ति के कारण बैंक छोटी इकाइयों को ऋण देने से बचना चाहते हैं, जिससे उन्हें ऋण देने की वृद्धि दर में गिरावट हुई है. रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार, जून में मध्यम उद्योगों को दिए जाने वाले ऋण में 13.2 प्रतिशत (पिछले साल 47.8 प्रतिशत) और सूक्ष्म व लघु उद्योगों को दिए गए कर्ज में 13 प्रतिशत (एक साल पहले 29.2 प्रतिशत) की बढ़ोतरी हुई. जून के अंत में मध्यम उद्योगों का सकल बैंक ऋण बकाया 2,63,440 करोड़ रुपये था, जो पिछले साल जून में 2,32,776 करोड़ रुपये था.

MSME का बकाया ऋण 6,25,625 करोड़ रुपये

आंकड़ों के अनुसार, सूक्ष्म व लघु उद्योगों के मामले में जून में बकाया ऋण 6,25,625 करोड़ रुपये रहा, जो 2022 की समान अवधि में 5,53,675 करोड़ रुपये था. मई में मध्यम उद्योगों को दिया गया ऋण 18.9 प्रतिशत (पिछले वर्ष समान अवधि में 42.9 प्रतिशत) और सूक्ष्म व लघु उद्योगों को दिया गया कर्ज 9.5 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 32.7 प्रतिशत) बढ़ा. आरबीआई के अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार, मध्यम उद्योगों की ऋण वृद्धि पिछले साल की समान अवधि के 53.7 प्रतिशत के मुकाबले 19.1 प्रतिशत रही. सूक्ष्म व लघु उद्योगों के मामले में वृद्धि अप्रैल 2023 में 9.7 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 29.8 प्रतिशत थी.

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अगस्त में हुई थी मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक

शीर्ष बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक का आयोजन अगस्त महीने में किया गया था. आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 8-10 अगस्त को हुई थी. गवर्नर शक्तिकांत दास नीतिगत निर्णय की घोषणा 10 अगस्त को की थी. आरबीआई ने ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला पिछले साल मई में शुरू किया था, हालांकि फरवरी के बाद से रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है. इसके बाद अप्रैल और जून में दो द्विमासिक नीति समीक्षाओं में प्रधान उधारी दर में फेरबदल नहीं हुआ.

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