बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और मैनेजर को भीड़ से निकाला. डायना चाय बागान के श्रमिक मीना थापा का आरोप है कि पिछले एक महीने का वेतन बकाया है. इससे पहले भी सात महीने के वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. श्रमिकों को काफी दिनों से न तो राशन मिल रहे हैं और न ही जलावन की लकड़ियां दी जा रही है. बाध्य होकर मैनेजर को फैक्टरी से बाहर निकाल कर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा. एक अन्य चाय श्रमिक विष्णु माया छेत्री ने कहा कि मैनेजर ने शनिवार को की वेतन देने की घोषणा की थी. लेकिन किसी को वेतन नहीं मिला. अपनी मांगों को मनवाने के लिए आज सुबह जब मैनेजर से मिलने गये तो उन्होंने बैंकिंग समस्या की वजह से वेतन नहीं देने की बात कही. उसके बाद ही उनको कार्यालय से निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया. बागान मैनेजर ने श्रमिकों को नगद में वेतन भुगतान का आश्वासन दिया है.
हालांकि मैनेजर सुदर्शन बब्बर ने इस मामले को लेकर मीडिया से कोई बात नहीं की. इधर, डुवार्स ब्रांच इंडियन टी एसोसिएशन (डीवीआइटीए) के सचिव सुमंत गुहा ठकुराता ने बताया है कि बानरहाट बैंक से श्रमिकों को वेतन देने की व्यवस्था की जा रही है. शनिवार को वेतन का भुगतान हो जाता, लेकिन दो हजार रुपये के नोट को लेकर समस्या हो रही है. चाय श्रमिक पांच सौ रुपये का नोट तो लेना चाहते हैं, लेकिन दो हजार रुपये का नोट लेने से इंकार कर रहे हैं.
उनका कहना है कि इतने बड़े नोट को खुदरा करने में परेशानी होगी. श्रमिकों को ऑनलाइन वेतन देने की व्यवस्था की जा रही थी, लेकिन वहां भी चाय श्रमिक एटीएम से दो हजार रुपये के बड़े नोट निकलने की बात कर रहे हैं. चाय बागान को वेतन देने में कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने यथाशीघ्र वेतन समस्या दूर करने की बात कही.