समारोह के मुख्य वक्ता स्वस्तिका नामक पत्रिका के संपादक विजय राय व बुद्धिजीवी साधन पाल बतौर अतिथि के रूप में मौजूद थे. समारोह को संबोधन करने के दौरान दोनों ही वक्ताओं ने देवर्षि नारद को विश्व का पहला पत्रकार करार दिया. इनका कहना था कि धर्म की रक्षा और धर्म संस्थापना के लिए नारद मुनी निष्पक्ष व स्वतंत्र तरीके से संवाद माध्यम का काम करते थे. साथ ही आम लोगों के विकास, सुरक्षा और सुविधाओं के लिए संवाद के मारफत सेवा का काम करते थे.
इस मौके पर आयोजक कमेटी द्वारा ‘नारद सम्मान’ से विशेष तौर पर नवाजे गये सिलीगुड़ी के वरिष्ठ पत्रकार देवाशीष सरकार ने भी अपने वक्तव्य के दौरान जहां नारद जी को वास्तविक में एक पत्रकार बताया वहीं, उनके दौर के स्वतंत्र और सुरक्षित पत्रकारिता की तुलना आज की पत्रकारिता से की. श्री सरकार ने कहा कि नारद जी भी धर्म के लिए पत्रकारिता का काम करते थे आज के पत्रकार भी अपने परिवार का भरण-पोषण के लिए नौकरी के रूप में पत्रकारिता का काम कर रहे हैं. लेकिन आज के पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने 1992 से 2017 अप्रैल तक देश के अलावा पूरे विश्व में पत्रकारों पर हुए हमले और हत्या का ब्यौरा दिया. इस मौके पर नारद सम्मान से नवाजे गये बिपिन राय, राजकुमार शर्मा, अशोक झा, मानस बनर्जी, मनोरंजन पांडेय ने भी अपने वक्तव्यों द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा की वकालत की. इनके अलावा वरिष्ठ पत्रकार मनोरंजन पांडेय, टीएन तिवारी, प्रकाश सासमल, गोपाल मजुमदार, राजा दास, राजेश शर्मा, दीपेंद्र सिंह, शिवानंद पांडेय, संतोष मंडल, जीतेंद्र पांडेय, मोहन कुमार, मानस महंतो व अन्य को भी नारद सम्मान से सम्मानित किया गया.