सिलीगुड़ी. बंगाली समुदाय पोइला बैशाख को बांग्ला नववर्ष के रूप में मनाते आ रहा है. इसके मद्देनजर शनिवार को सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही. सिलीगुड़ी व आसपास के अधिकतर मंदिरों जैसे हॉस्पिटल मोड़, विधान रोड के मायेर इच्छा कालीबाड़ी, महावीर स्थान स्थित आनंदमयी कालीबाड़ी, सेवक के काली मंदिर व अन्य जगहों पर भी मां की पूजा करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं. आज के दिन घरों में गणेश-लक्ष्मी की पूजा का भी पौराणिक रिवाज है.
कारोबार जगत से जुड़े लोगों ने अपने-अपने दुकान-प्रतिष्ठानों को दुल्हन की तरह सुसज्जित कर गणेश-लक्ष्मी की आराधना की. साथ ही नये बही खातों की भी पूजा-अर्चना हुई और अपने कारोबार से जुड़े ग्राहकों व परिचितों के बीच मिठाई का पैकेट वितरित किया गया. पोयला बैशाख को लेकर बंगाली समुदायों के दुकान-प्रतिष्ठानों में गहमा-गहमी रही.
बांग्ला नववर्ष का आंधी-बारिश ने किया स्वागत
बांग्ला नववर्ष का स्वागत कुदरत ने शनिवार को आंधी-बारिश से किया. सिलीगुड़ी में दोपहर करीब 1.45 बजे अंधड़ शुरू हो गया, जो पांच-दस मिनट ही रहा. इसके साथ ही बारिश शुरू हो गयी, जो तकरीबन डेढ़ घंटे तक चली. अंधड़ रुकनके बाद भी तेज हवा के झोंके लगातार चलते रहे. सूर्यदेव ने आंख-मिचौनी का खेल दिनभर खेला. दिन भर में दो-तीन बार ही धूप खिली, वह भी कुछ समय के लिए ही. सिलीगुड़ी व आसपास के इलाके में कहीं से जानमाल के नुकसान की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि कई जगहों पर विज्ञापनों के होर्डिंग व बड़े-बड़े फ्लेक्स हवा में उड़ गये. कई जगहों पर तार टूटने व पेड़ के गिरने की भी खबर है.
नववर्ष का बाजार पड़ा फीका
नववर्ष के पहले दिन सुबह से ही हर तरफ उल्लास का माहौल था. व्यवसायियों के लिए भी यह दिन खास होता है. इस दिन कई नयी दुकानों का उदघाटन भी हुआ. लेकिन दोपहर में खराब हुए मौसम ने बाजार की रौनक छीन ली. शाम के समय नववर्ष का आनंद कुछ अलग अंदाज में मनानेवालों की योजनाओं पर भी पानी फिर गया.