28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अलग कामतापुर राज्य की मांग ठंडे बस्ते में

सिलीगुड़ी: दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में अलग गोरखालैंड राज्य बनाने की मांग को लेकर भले ही गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरूंग आंदोलन कर रहे हों, लेकिन तराई तथा डुवार्स क्षेत्र में अलग कामतापुर राज्य बनाने की मांग ठंडे बस्ते में चला गया है. कामतापुर राज्य की मांग को लेकर आंदोलनरत कामतापुर प्रोग्रेसिव पार्टी (केपीपी) ने ठंडा रूख […]

सिलीगुड़ी: दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में अलग गोरखालैंड राज्य बनाने की मांग को लेकर भले ही गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरूंग आंदोलन कर रहे हों, लेकिन तराई तथा डुवार्स क्षेत्र में अलग कामतापुर राज्य बनाने की मांग ठंडे बस्ते में चला गया है. कामतापुर राज्य की मांग को लेकर आंदोलनरत कामतापुर प्रोग्रेसिव पार्टी (केपीपी) ने ठंडा रूख अख्तियार कर लिया है. केपीपी सेंट्रल कमेटी के अध्यक्ष अतुल राय ने कहा है कि वह अलग राज्य की मांग से पीछे नहीं हट रहे हैं, लेकिन अलग राज्य की मांग अब उनके दिल में है.

वह राज्य सरकार के साथ किसी प्रकार का झगड़ा नहीं करना चाहते और ममता सरकार के साथ मिलकर रहना चाहते हैं. केपीपी नेता के इस बात से जाहिर है कि उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने साफ तौर पर सरेंडर कर दिया है. इतना ही नहीं, केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत एनडीए में शामिल केपीपी ने इससे भी दूरी बना ली है.

केपीपी का कहना है कि उनकी पार्टी अब एनडीए के साथ नहीं है. इसके अलावा गोरखालैंड बनाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरूंग से भी उनका कोई लेना-देना नहीं है. अतुल राय ने भाजपा तथा गोजमुमो से भी पूरी दूरी बना ली है. यहां उल्लेखनीय है कि उत्तर बंगाल में कूचबिहार के साथ ही तराई एवं डुवार्स के कई जिलों को मिला कर कामतापुर राज्य बनाने की मांग पिछले दो दशक से चल रही है. यहां तक कि इस मांग को लेकर हिंसक आंदोलन भी हुआ है. केएलओ जैसे खतरनाक उग्रवादी संगठन का जन्म भी अलग कामतापुर राज्य बनाने की मांग को लेकर हुआ. एक दशक पहले कामतापुर को लेकर उत्तर बंगाल में काफी मार-काट मची. केएलओ उग्रवादियों ने बम विस्फोट जैसी घटनाओं को भी अंजाम दिया था. वर्ष 2011 में राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल की सरकार बनी. ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखालैंड आंदोलन को शांत करने के साथ ही कामतापुर आंदोलन को भी शांत करने की कोशिश की. अब जाकर लगता है कि ममता बनर्जी को कामतापुर आंदोलन शांत करने में सफलता मिल गई है. इतना ही नहीं, दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस उत्थान से गोरखालैंड आंदोलन भी कमजोर हुआ है.

इस संबंध में और अधिक बातचीत करते हुए अतुल राय ने कहा कि वह लोग राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विकास कार्यों से काफी प्रभावित हैं. वह लोग ममता बनर्जी के विकास कार्यों में सहयोगी बनना चाहते हैं. उन्होंने माना कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में केपीपी ने भाजपा का समर्थन किया था. तब भाजपा तथा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था. दार्जिलिंग लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार एसएस अहलुवालिया की भारी जीत केपीपी के समर्थन से भी हुई थी. केन्द्र में भाजपा सरकार बनने के बाद भी केपीपी की मांगों पर कोई विचार नहीं हुआ. दूसरी ओर, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कामतापुर भाषा को मान्यता देने की मांग की गई थी. ममता बनर्जी ने इस दिशा में कदम उठाया है.

कामतापुर भाषा को मान्यता देने को लेकर राज्य सरकार ने एक कमेटी भी बनायी है. ममता बनर्जी द्वारा अलग राज्य की मांग को छोड़कर अन्य मांगों पर विचार करने के आश्वासन के बाद केपीपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का समर्थन किया है. इस बीच, केपीपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कामतापुर आंदोलन के दौरान केपीपी नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने पर भी ममता बनर्जी से बातचीत चल रही है. इस मुद्दे पर केपीपी नेता अतुल राय ने कहा कि उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पांच सूत्री मांगों से समर्थित एक ज्ञापन दिया था. उसमें कामतापुर आंदोलन के दौरान तत्काल माकपा सरकार द्वारा दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की गई है. श्री राय ने आगे कहा कि कामतापुर आंदोलन के दौरान तत्कालीन वाम मोरचा सरकार ने दो हजार से भी अधिक केपीपी नेताओं एवं समर्थकों पर झूठे मामले दर्ज किये. इन मामलों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई है.

मुख्यमंत्री का होगा सम्मान
केपीपी की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सम्मानित किया जायेगा. उन्हें यह सम्मान कामतापुर भाषा को मान्यता देने के लिए कदम उठाये जाने पर दिया जा रहा है. यह जानकारी केपीपी नेता अतुल राय ने दी है. उन्होंने कहा कि इस महीने की 25 तारीख को कूचबिहार के रास मेला मैदान में विशेष जनसभा का आयोजन किया जायेगा. उसी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सम्मानित किया जायेगा. मुख्यमंत्री इस सम्मान समारोह में उपस्थित रहेंगी. उन्होंने बृहस्पतिवार को फोन कर सम्मान समारोह में उपस्थित रहने की जानकारी दी है. श्री राय ने आगे कहा कि उस दिन की जनसभा में एक लाख से अधिक कामतापुरी समर्थक उपस्थित रहेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें