इसके बाद पुलिस ने पर्यावरण संगठनों के साझा मंच से जुड़े श्यामाप्रसाद पांडे, अनिर्वान मजूमदार, मानवेंद्र सरकार समेत सात लोगों को हिरासत में ले लिया. पुलिस इन्हें नागराकाटा थाने ले गयी. इसके बाद अन्य आंदोलनकारी पीछे हट गये. सुबह करीब 11 बजे से वनकर्मियों ने पेड़ों की कटाई शुरू की.आरा मिल विभाग के जलपाईगुड़ी जिला ऑफिस के रेंजर अनिल चंद्र दत्त ने बताया कि उनके पास 551 पेड़ों को काटने की अनुमति है. लेकिन फिलहाल 370 पेड़ों को काटने के लिए मार्किंग की गयी है. सभी पेड़ कॉमर्शियल प्रजाति के हैं. आज जितना संभव होगा, उतने अधिक पेड़ काटे जायेंगे.घटनास्थल पर मौजूद एएसपी निमा नरबू भूटिया ने बताया कि पेड़ काटने को लेकर कोई झमेला नहीं हुआ. किसी को गिरफ्तार भी नहीं किया गया है. वहीं पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमारे लोकतांत्रिक आंदोलन को पुलिस के बूते कुचला गया. अब हम लोग ग्रीन ट्रिब्युनल के पास जायेंगे.
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धारा 144 लगा शुरू की गयी पेड़ों की कटाई
जलपाईगुड़ी: लाटागुड़ी जंगल से गुजरनेवाली सड़क पर यातायात रोका गया. धारा 144 लगाकर पर्यावरण प्रेमियों को हटाया गया. तब जाकर पुलिस की मदद से वनकर्मी फ्लाइओवर के लिए सड़क किनारे के पेड़ काट सके. जलपाईगुड़ी के लाटागुड़ी के विचारभांगा में दो किलोमीटर सड़क और फ्लाइओवर का निर्माण होना है. इसके लिए 551 पेड़ काटने की […]
जलपाईगुड़ी: लाटागुड़ी जंगल से गुजरनेवाली सड़क पर यातायात रोका गया. धारा 144 लगाकर पर्यावरण प्रेमियों को हटाया गया. तब जाकर पुलिस की मदद से वनकर्मी फ्लाइओवर के लिए सड़क किनारे के पेड़ काट सके. जलपाईगुड़ी के लाटागुड़ी के विचारभांगा में दो किलोमीटर सड़क और फ्लाइओवर का निर्माण होना है. इसके लिए 551 पेड़ काटने की जरूरत है. वन विभाग के आरा मिल विभाग के इस काम में बीते तीन दिनों से 21 पर्यावरण प्रेमी संगठन एकजुट होकर बाधा बने हुए थे. गुरुवार को आखिरकार पुलिस को लगाया गया. पुलिस ने बैरीकेडिंग करके धारा 144 लागू की और सात आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया. इसके बाद पेड़ों की कटाई शुरू हुई. अब पर्यावरण संगठनों ने इसके खिलाफ ग्रीन ट्रिब्युनल में जाने की चेतावनी दी है.
पर्यावरण प्रेमी संगठनों के साझा मंच से जुड़े श्यामाप्रसाद पांडे ने बताया कि उन लोगों की मांग थी कि पर्यावरण रक्षा के लिए पेड़ नहीं काटे जायें. चार दिन से पर्यावरण प्रेमी पेड़ों की कटाई वाली जगह पर धरना दिये हुए थे. रात में भी पहरेदारी की जा रही थी, ताकि अंधेरे में चुपचाप कटाई न हो जाये. लेकिन गुरुवार को पुलिस ने बल प्रयोग कर पेड़ कटवाना शुरू कर दिया.
गुरुवार को पुलिस की सुरक्षा में वन विभाग के विकास निगम और आरा मिल डिवीजन के वनकर्मी और श्रमिक लाटागुड़ी पहुंचे. जलपाईगुड़ी से माल, चालसा, मूर्ति, नागराकाटा, मेटेली जानेवाले वाहनों को नेउड़ा मोड़ और बड़दिघी होकर चलाया गया. क्रांति मोड़ और नेउड़ा मोड़ पर भी पुलिस का बैरीकेड था. किसी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए बड़ी संख्या में रैफ, पुलिस, सिविक वालंटियरों की तैनाती की गयी थी. सुबह सात बजे से ही पुलिस ने मोरचा संभाल लिया था.इसके विरोध में सैकड़ों पर्यावरण प्रेमी भी जमा थे. सुबह मुंह पर काला कपड़ा बांधकर पर्यावरण प्रेमियों ने नेउड़ा मोड़ पर पुलिस बैरीकोड तोड़ने की कोशिश की.
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