27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सिलीगुड़ी: तीस्ता नदी किनारे झींगा का बंपर उत्पादन

सिलीगुड़ी. तीस्ता नदी किनारे होने वाला झींगा (एक खास प्रकार की सब्जी) को इस बार भी खाड़ी देशों में पहुंचाने की तैयारी है. इससे अधिक मुनाफा कमाने की आस लगाये किसान उत्पादन देखकर काफी खुश हैं. तीस्ता नदी किनारे करीब 10 हजार बीघा जमीन पर झींगा की खेती की गयी है. उत्तर बंगाल में सबसे […]

सिलीगुड़ी. तीस्ता नदी किनारे होने वाला झींगा (एक खास प्रकार की सब्जी) को इस बार भी खाड़ी देशों में पहुंचाने की तैयारी है. इससे अधिक मुनाफा कमाने की आस लगाये किसान उत्पादन देखकर काफी खुश हैं. तीस्ता नदी किनारे करीब 10 हजार बीघा जमीन पर झींगा की खेती की गयी है.
उत्तर बंगाल में सबसे अधिक झींगा की खेती जलपाईगुड़ी जिला अंतर्गत राजगंज ब्लॉक के टाकीमारी में होती है. इस इलाके को सब्जी उत्पादन का गढ़ माना जाता है. इस इलाके में आलू, झींगा, पटल आदि की अच्छी खेती होती है. स्थानीय किसानों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले वर्षों की अपेक्षा इस बार आलू का उत्पादन अच्छा नहीं हुआ. आलू की फसल में इस बार ढुलाई रोग लग जाने की वजह से काफी नुकसान हो गया. इस इलाके में प्रत्येक वर्ष आलू के बाद झींगा की खेती होती है. इस बार भी राजगंज ब्लॉक के टाकीमारी-1, टाकीमारी-2, बीरेन बस्ती, धुपगुड़ी बस्ती, तुलसी पाड़ा, महाराजघाट, पंचायत पाड़ा व वर्मन पाड़ा इलाके में झींगा की खेती की गयी. झींगा की सबसे अच्छी प्रजाति एन.एस-3 का उत्पादन काफी अच्छा हुआ है. फसल को देखकर किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं. सीजन के शुरुआत में ही रोजाना औसतन दस ट्रक झींगा निकल रहा है. यहां की उत्पादित सब्जी उत्तर बंगाल के विभिन्न इलाके के साथ कोलकाता, असम, बिहार और उड़ीसा के बाजारों में भेजी जाती है. इन बाजारों में तीस्ता के किनारे उत्पादित झींगा की मांग काफी अधिक है. पिछले वर्ष भी झींगा खाड़ी देशों में भेजा गया था. इस बार भी झींगा की मांग है.
स्थानीय किसान कालाचंद राय, दुलाल दास, प्रशांत राय, विपल्व दास आदि ने बताया कि प्रतिवर्ष इस इलाके में आलू व झींगा का उत्पादन किया जाता है. आलू के बाद इस बार भी झींगा की खेती की गयी है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार झींगा का उत्पादन अधिक होने की संभावना है. बीते वर्ष कोलकाता से यहां के झींगा को दुबई, कुवैत व खाड़ी के अन्य देशों में निर्यात किया गया था. झींगे की एन.एस-3 प्रजाति सर्वोत्तम मानी जाती है. इसकी खेती भी अधिक मात्रा में की गयी है.

इस बार अधिक मात्रा में झींगा को खाड़ी के देशों में निर्यात करने का लक्ष्य साधा गया है. इसके अतिरिक्त जलपाईगुड़ी, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, दार्जिलिंग सहित उत्तर बंगाल के विभिन्न बाजारों के अलावा कोलकाता, पड़ोसी राज्य बिहार और असम में भी काफी मांग है. किसानों ने बताया कि झींगा निकलने लगा है. वर्तमान में रोजाना औसतन 10 से 12 ट्रक झींगा निकाला जा रहा है. अप्रैल के प्रथम दो सप्ताह इसका सीजन माना जाता है. उस समय रोजना 30 से 35 ट्रक झींगा निकलने की उम्मीद है. वर्तमान में किसान 12 से 15 रूपये प्रतिकिलो झींगा थोक व्यापारी को बेच रहे हैं. उत्पादन में वृद्धि होने पर कीमत और गिर जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें