मृतक के परिवार की ओर से इंगलिशबाजार थाने में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है और साथ ही जिला स्वास्थ विभाग को भी मामले से अवगत कराया गया है.
मृत रोगी के बेटे लुत्फर रहमान ने बताया कि उसके पिता हृदय रोग से पीड़ित थे. बीते शुक्रवार को स्थिति बिगड़ने पर उन्हें अपोलो अस्पताल में भरती कराया गया. शनिवार को उनकी स्थिति में सुधार होने की वजह से उन्हें डिस्चार्ज करने की बात थी. अस्पताल का बिल 40 हजार रुपये के करीब था. रुपये का इंतजाम कर शनिवार की शाम परिवार रोगी को लेने पहुंचा, तो अस्पताल प्रबंधन ने बिल में और पांच हजार रुपये जोड़ दिया. इस पांच हजार रुपये का जुगाड़ करने में परिवार को रविवार हो गया.
रविवार दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल पहुंचने पर पिता की मौत की जानकारी दी गयी. अचानक मौत की खबर सुनकर परिवार आश्चर्यचकित रह गया और गुस्से में आकर हंगामा शुरू किया. लुत्फर का कहना है कि जब पिता की स्थिति खराब हुई, तो अस्पताल की ओर से परिवार को कोई खबर नहीं दी गयी. रुपये नहीं चुकाने की वजह से ही रोगी को नहीं छोड़ा गया. रविवार को बिल चुकाने के लिए पहुंचने पर मौत की जानकारी दी गयी. ऐसे में शनिवार को किस आधार पर डॉक्टरों ने उन्हें डिस्चार्ज करने की बात कही थी. इस पूरी घटना में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आयी है. अपोलो अस्पताल के संचालक डॉ एस हक ने बताया अस्पताल प्रबंधन की ओर से किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गयी है.