इससे मैचिंग स्टेम सेल का पता लगाने की चुनौतियों को कम करने के साथ संरक्षित कोर्ड स्टेम सेल को पैरेंट्स के कम्यूनिटी के बीच उपलब्ध कराने में आसानी होगी. इस मौके पर लाइफ सेल के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ मयूर अभया ने कहा कि इस कम्युनिटी बैकिंग के द्वारा माता-पिता को अपने बच्चे की स्टेम सेल को संरक्षित रखने में मदद मिलेगी.
कम्युनिटी बैकिंग के कोर्ड ब्लड शाखा के द्वारा भारत विश्व स्तर पर स्टेम सेल की सूची में शामिल होने के साथ दुनिया भर में भारतीय मूल के लोगों के लिए स्टेम सेल ट्रांसप्लांट करने में मदद मिलेगी. इसके द्वारा माता -पिता के साथ -साथ भाई बहनों के इलाज के लिए स्टेम सेल का उपयोग हो सकेगा. इस अवसर पर डॉ पुर्विस पारीख ने कहा कि रोगियों में डोनर स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की स्थिति रोगी के स्वंय के स्टेम सेल की स्थिति से चार गुणा अधिक होती है.