अच्छा चावल ना देने पर श्रमिकों ने आंदोलन का रास्ता इख्तियार करने की चेतावनी दी है. मिली जानकारी के अनुसार, महीने में प्रत्येक श्रमिक को 70 किलो चावल दिया जाता है. श्रमिकों का आरोप है कि प्रत्येक बार अच्छे चावल का सैंपल दिखाया जाता है, लेकिन वास्तव में सबसे निम्न स्तर का चावल चाय बागान श्रमिकों को मुहैया कराया जाता है. बुधवार को कीड़ा लगा चावल श्रमिकों में वितरण किया जा रहा था. इसे देखकर श्रमिकों ने विरोध शुरू कर दिया. अच्छा चावल मुहैया कराने की मांग को लेकर करीब तीन घंटे विरोध प्रदर्शन किया गया. इसके बाद राशन लेने पहुंचे सभी श्रमिक खाली हाथ लौट गये. इस घटना से राज्य सरकार की खाद्य साथी योजना पर भी सवाल उठने लगा है.
बागान श्रमिक ललिता उरांव व तनुजा माझी ने बताया कि सरकारी की ओर से 2 रुपये प्रति किलो चावल दिया जा रहा है. पहले चावल ठीक था, लेकिन धीरे-धीरे चावल का स्तर गिरने लगा. अब तो चावल देखकर घिन आती है. चावल से अधिक उसमें कीड़े दिखते हैं. सभी श्रमिकों ने सड़ा हुआ चावल लेने से इनकार कर दिया है.बागान के राशन डीलर रमेश शर्मा ने बताया कि सरकारी गोदाम से जो चावल मुहैया कराया जाता है हम उसी का वितरण करते हैं. बागान के कमर्शियल असिस्टेंट श्याम सुंदर साहा ने बताया कि श्रमिकों ने कीड़ा लगा चावल लेने से इनकार कर दिया है. खाद्य विभाग को इस बारे में लिखित रूप से अवगत कराया जायेगा. वहीं जलपाईगुड़ी जिला खाद्य नियामक रिंझेन शेरपा ने कहा कि मामले की जांच की जायेगी.