मेले का विशेष आकर्षण गणगौर पूजा की अलौकिक झांकी रही. इस झांकी के मारफत गणगौर पूजा के पूरे विधि-विधान को दर्शाने का प्रयास किया गया. इसी झांकी के सामने महिलाएं सेल्फी लेने से भी नहीं चुकी. मधु झंवर ने बताया कि मेले में इस झांकी का मुख्य उद्देश्य आज का युथ अपने पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठानों, लोककला और संस्कति से दूर होता जा रहा है. उन्हें अपने ही धर्म-संस्कति की सही तरीके से जानकारी नहीं है.
श्रीमति झंवर ने बताया कि इस झांकी के मारफत युवा ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोग, किशारियों, युवतियों, महिलाओं को अपने धर्म, संस्कृति और वेश-भूषा से रूबरू कराना है. मनीला व रेखा ने बताया कि मारवाड़ी समुदाय की महिलाओं के बीच गणगौर पूजा का खास अहमियत है. यह पूजा होली के दिन से 15 दिनों तक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसी मकसद से वी थ्री द्वारा बीते कई वर्षों से इस गणगौर मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार भी मेले के सफल आयोजन हेतु तीनों महिलाओं ने बीते कई रोज से ही जी-तोड़ मेहनत की.