तस्कर सिलीगुड़ी को सबसे सुरक्षित कोरिडोर के रूप में इस्तेमाल करते आ रहे हैं. नोटबंदी के बाद हाल के दिनों में सोना तस्करी में कुछ ज्यादा ही इजाफा हुआ है. इसका खुलासा डीआरआइ की सिलीगुड़ी विंग द्वारा चलाये गये मुहिम के दौरान मात्र महीने भर में दो बार करोड़ों की कीमत के अवैध सोने के बिस्किट व बार के साथ आधे दर्जन से अधिक तस्कर धराये जाने के बाद हुआ है. डीआरआइ के आधिकारिक सूत्रों की माने तो सोने की तस्करी में अचानक काफी इजाफा हुआ है. यह इजाफा नोटबंदी के बाद ही हाल के दिनों में हुआ है. डीआरआइ के एक अधिकारी ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि कुछ ही दिनों में करोड़ों की कीमत के अवैध सोने के साथ कई तस्करों को पकड़ा गया. दोनों ही मामलों में तस्करों का तार अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़ा हुआ था और दोनों ही मामलों में सोने को सिलीगुड़ी के साथ-साथ देश के अन्य बड़े शहरों में खपत करने की तस्करों की योजना थी.
एक ताजा मामले में डीआरआइ की सिलीगुड़ी विंग ने खुफिया सूचना के आधार पर दो दिन पहले ही 15 मार्च बुधवार की सुबह शहर के मल्लागुड़ी से शिलांग की एक बोल्वो बस से अंतरराष्ट्रीय गिरोह के चार तस्करों को अवैध सोने के बिस्किट व बार के साथ पकड़ा था. तस्करों में एक महिला माला स्वावी (25) के पहने हुए कोट के खुफिया पॉकेट से सोने के कई बिस्किट एवं ट्रॉली बैग से सोने के बार बरामद हुए. इस दौरान महिला के तीन पुरूष साथी एनके थुंगपु उर्फ जोसेफ (37), थंगखानमुंग (52) व लाल रोंगलाका (35) को भी डीआरआइ ने रंगेहाथ पकड़ा था. गिरफ्तार चारों तस्कर मिजोरम के आइजोल के रहनेवाले हैं. इनके पास से 11.5 किलो सोने के बिस्किट और बार बरामद हुआ जिनका भारतीय बाजार में साढ़े तीन करोड़ से भी अधिक आंका गया. इनकी योजना सोने की इतनी बड़ी खेप को सिलीगुड़ी के अलावा कोलकाता व दिल्ली में खपत करने की थी.