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वर्चस्व को लेकर एसएसबी और पुलिस में टकराव

पुलिस ने एसएसबी पर सूचना नहीं देने का लगाया आरोप एसएसबी का जवाब,सूचना देकर की गयी कार्रवाई सिलीगुड़ी. अधिकार क्षेत्र के वर्चस्व को लेकर पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के बीच ठन गयी है. एक अभियान को लेकर दोनों सुरक्षा एजेंसियों के बीच काफी मतभेद उत्पन्न हो गया है. रात भर चले हाई वोल्टेज […]

पुलिस ने एसएसबी पर सूचना नहीं देने का लगाया आरोप
एसएसबी का जवाब,सूचना देकर की गयी कार्रवाई
सिलीगुड़ी. अधिकार क्षेत्र के वर्चस्व को लेकर पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के बीच ठन गयी है. एक अभियान को लेकर दोनों सुरक्षा एजेंसियों के बीच काफी मतभेद उत्पन्न हो गया है.
रात भर चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद गुरुवार को दिन के गरीब 11 बजे विवाद का समाधान हो गया. हालांकि इसके लिए सिलीगुड़ी की पुलिस कमिश्नर सीएस लेप्चा को हस्तक्षेप करना पड़ा. प्राप्त जानकारी के अनुसार एसएसबी की 41वीं बटालियन द्वारा गिरफ्तार नकली नोट व मादक पदार्थ के तस्कर को सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की माटीगाड़ा थाना की पुलिस ने अपने कब्जे में लेने से साफ इनकार कर दिया.
आरोपी को पुलिस के हाथों सौंपने पहुंची एसएसबी की टीम को 12 घंटे से अधिक समय तक थाने में ही इंतजार करना पड़ा.घटना की शुरूआत बुधवार को हुई. गुप्त सूचना के आधार पर एसएसबी की 41वीं बटालियन की टीम ने माटीगाड़ा थाना इलाके में एक अभियान चलाकर पांच सौ रुपये के तीन नकली नोट और मादक पदार्थ के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया. एसएसबी की टीम को आरोपी के पास से पांच सौ के तीन नकली नोट और 15 ग्राम ब्राउन शुगर (मादक) मिला. एसएसबी ने गिरफ्तार तस्कर का नाम मानिक राई बताया है.
आरोपी से पूछताछ करने के बाद शाम के करीब चार बजे एसएसबी की टीम उसे पुलिस को सौंपने के लिये माटीगाड़ा थाना पहुंची. लेकिन माटीगाड़ा थाना पुलिस ने आरोपी को अपने कब्जे में लेने से साफ इनकार कर दिया. बाध्य होकर एसएसबी की टीम आरोपी को लेकर रातभर थाने के बाहर खड़ी रही. एसएसबी का आरोप है कि इस दौरान पुलिस के आला अधिकारियों से संपर्क करने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ.
एसएसबी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस कमिश्नर को मैसेज देकर इस बात की जानकारी दी गयी और माटीगाड़ा पुलिस द्वारा किये जा रहे असहयोग की बात बतायी गयी .उनका जवाब नहीं मिला . इसबीच, एसएसबी ने आरोपी को रिहा कर देने की धमकी पुलिस को दी. साथ ही इस बात की जानकारी सिलीगुड़ी के मीडिया को भी दे दी गयी. एसएसबी ने साफ तौर पर कह दिया कि नकली नोट और ब्राउन शुगर के साथ पकड़े गये तस्कर को पुलिस अपने कब्जे में नहीं ले रही है.
नियमानुसार किसी भी अपराधी को पकड़ कर उन्हें स्थानीय पुलिस को सौंपना पड़ता है. अगर पुलिस उसे नहीं लेगी तो उसे छोड़ देने के अलावा और कोई चारा नहीं रहेगा. इस बात की भनक जैसे ही पुलिस को मिली, खलबली मचनी शुरू हो गयी. गुरुवार की सुबह 9 बजे पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में हस्तक्षेप किया. इधर एसएसबी ने दिन के 11 बजे मीडिया के सामने आरोपी को छोड़ देने की बात कही थी. उससे पहले ही पुलिस कमिश्नर ने बात बिगड़ने से बचा लिया. उन्होंने आरोपी को पुलिस हिरासत में लेने का निर्देश दिया. एसएसबी 41वीं बटालियन के सेकेंड इन कमांड डीके सिंह ने बताया कि बुधवार की शाम चार बजे एसएसबी की टीम आरोपी को लेकर माटीगाड़ा थाना पहुंची.
लेकिन पुलिस ने उसे कब्जे में लेने से इनकार कर दिया. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के कई आला अधिकारियों से संपर्क करने के बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ. एसएसबी की टीम आरोपी के साथ पूरी रात माटीगाड़ा थाने में खड़ी रही. अंत में एसएसबी ने आरोपी को छोड़ देने का निर्णय लिया. गुरुवार की सुबह 9 बजे सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर के साथ बातचीत हुई और उन्होंने माटीगाड़ा थाने के पुलिस को आरोपी को हिफाजत में लेने और बरामद नकली नोट व मादक पदार्थ को जब्त करने का निर्देश दिया.
इधर, पुलिस का कहना है कि बिना किसी अग्रिम सूचना के ही उनके इलाके में एसएसबी ने अभियान चलाया. इसी वजह से आरोपी को पुलिस हिरासत में लेने से इनकार किया गया. जबकि एसएसबी का कहना है कि अभियान से पहले माटीगाड़ा थाने को जानकारी दी गयी थी. डीके सिंह ने बताया कि अभियान से दो घंटे पहले माटीगाड़ा थाने को लिखित रूप से अवगत कराया गया था.

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