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कर्मचारियों का हक कोई नहीं छिन सकताः मनोज कुमार

सिलीगुड़ी. नोटबंदी और कैशलेश के बाद केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्यनिधि (इपीएफ) को लेकर काफी गंभीर है. अब कर्मचारियों की भविष्यनिधि (पीएफ) जो उनका हक है, कोई नहीं छिन सकता. चाहे सरकार हो या गैर-सरकारी संस्थान या फिर कोई भी कंपनियां सभी को अपने हर स्तर के कर्मचारियों का पीएफ जमा करना ही होगा. अन्यथा उन्हें […]

सिलीगुड़ी. नोटबंदी और कैशलेश के बाद केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्यनिधि (इपीएफ) को लेकर काफी गंभीर है. अब कर्मचारियों की भविष्यनिधि (पीएफ) जो उनका हक है, कोई नहीं छिन सकता. चाहे सरकार हो या गैर-सरकारी संस्थान या फिर कोई भी कंपनियां सभी को अपने हर स्तर के कर्मचारियों का पीएफ जमा करना ही होगा. अन्यथा उन्हें कानूनी कार्रवायी भुगतनी होगी. यह कहना है कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) के उत्तर बंगाल-सिक्किम इकाई के रिजनल कमिश्नर मनोज कुमार का. वह गुरूवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे.

श्री कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने इपीएफ के मद्देनजर सरकारी, गैर-सरकारी संस्थानों और हर तरह की छोटी-बड़ी कंपनियों को फरमान जारी किया है. इस फरमान के तहत इसी महीने एक जनवरी से एक स्कीम नियोक्ता पंजीकरण अभियान (इंप्लाइज इंरोल्मेंट कैंपेन, इइसी) शुरू की है.

जो 31 मार्च तक लागू रहेगी. इस स्कीम के तहत सरकार ने सरकारी, गैर-सरकारी संस्थान व सभी कंपनियों को विशेष छूट दी है. अगर संस्थान व कंपनियां अंतिम आठ वर्ष तक के अपने हर स्तर के कर्मचारियों का ब्यौरा दें हैं और उनका इपीएफ भर दें तो उन्हें मात्र एक रूपये सालाना के हिसाब से ही जुर्माना भरना पड़ेगा. श्री कुमार ने कहा कि अगर इस अवधि के बाद भी संस्थान व कंपनियां अपने कर्मचारियों का ब्यौरा नहीं देती है और उनका इपीएफ जमा नहीं करती है तो प्रबंधन के विरूद्ध इपीएफ व एमपी एक्ट, 1952 एवं कानून 7 क्यू के तहत या फिर भारतीय दंड विधान (भादवी, आइपीसी) की धारा 405/406 के तहत सख्त कार्रवायी की जायेगी. इसके तहत आरोपी को जुर्माना भरने के साथ ही जेल भी जाना पड़ सकता है

कर्मचारी कर सकते हैं ऑनलाइन शिकायत

रिजनल कमिश्नर मनोज कुमार ने बताया कि कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन (इपीएफओ) अब पूरे देश में ऑनलाइन परिसेवा शुरू कर दिया है. प्रत्येक महीने इपीएफ जमा हुआ या नहीं, या फिर इपीएफ की अब-तक की स्थिति की विस्तृत जानकारी कहीं से भी ले सकते हैं. इसके लिए कर्मचारी कहीं भी बैठ कर कम्प्यूटर या फिर स्मार्ट फोन के द्वारा वेबसाइट के जरिये ले सकते हैं. साथ ही अगर पीएफ से जुड़ी अन्य किसी भी तरह की शिकायत हो तो कर्मचारी ऑनलाइन शिकायत भी कर सकते हैं. मात्र दो-तीन दिन के अंदर ही इपीएफओ समस्या का हल कर देगी.

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